Ujjain Mahakal Lok: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे की छह मूर्तियां रविवार दोपहर आयी तेज आंधी के चलते गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.  उन्होंने बताया कि जब मूर्तियां गिरीं तो यह गलियारा श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था, लेकिन कोई भी व्यक्ति हताहत नहीं हुआ. उन्होंने स्वीकार किया कि मूर्तियों और गलियारे के काम में गुजरात की कंपनियों को लगाया गया था.


उधर, इस मामले पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस पूरे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. सिलसिलेवार ट्वीट्स में दिग्विजय ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.


पूर्व सीएम ने ट्वीट किया- 'कोई ऐंसी योजना नहीं है जिसमें भाजपा ने भ्रष्टाचार ना किया हो. उज्जैन के महाकुंभ में घटिया निर्माण किया और अब ₹७५० करोड़ से बना महाकाल लोक कॉरिडोर जिसका उद्घाटन  प्रधानमंत्री ने किया उसकी मूर्तियाँ तेज़ हवा में ही गिर गयीं!!'



उन्होंने लिखा- 'महेश परमार कांग्रेस विधायक ने जो माननीय लोकायुक्त को जाँच करने के लिए अनुरोध किया था सही निकला. भगवान शिवजी की मूर्ति तेज हवा में ही खंडित हो गईं!! निर्माण किसने किया था? गुजरात की कंपनी ने.प्रधानमंत्री जी यह आपके लिये शुभ संदेश नहीं है.'


कांग्रेस नेता ने लिखा- 'अब इस से बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी, शिवराज चौहान जी से स्पष्टीकरण लेंगे?  मध्यप्रदेश में कोई भी योजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार ना हुआ हो. अब महाकाल के नाम पर भी भाजपा पैसे खा गई!!'


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कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की (भाजपा नीत) सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी.’’


उन्होंने कहा, ‘‘आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर (गलियारा) में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए.’



कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव ने ट्वीट किया, ‘‘उज्जैन महाकुंभ में करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाली भाजपा सरकार के 50 फीसदी कमीशन के चक्कर में महाकाल लोक गलियारा में लगायी गयीं करोड़ों रुपये की मूर्तियां मानसून से पहले हुई आंधी-बारिश में ही धराशायी हो गई एवं महाकाल लोक की आधी से ज्यादा कुर्सियां टूट गई हैं.’’


प्रधानमंत्री ने 'श्री महाकाल लोक' गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था
दीगर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ महीने पहले 900 मीटर लंबे 'श्री महाकाल लोक' गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था. कुल 856 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में ‘श्री महाकाल लोक’ को 351 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.



उज्जैन के जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने बताया, ‘‘श्री महाकाल लोक गलियारे में 160 मूर्तियां हैं, जिनमें से आज दोपहर आयी तेज आंधी से छह मूर्तियां गिरकर टूट गईं. ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किये गये सात सप्त ऋषियों में से हैं और करीब 10 फीट ऊंची थी. ठेकेदार नयी मूर्तियां लगाएंगे, क्योंकि पांच साल तक की देखरेख का जिम्मा भी उनका ही है. हम आगे के लिए भी नियम और सख्त कर रहे हैं और उनकी जवाबदारी तय करने वाले हैं.’’