Kyrgyzstan Violence: किर्गिस्तान में स्टूडेंट के दो गुटों के बीच हुई हिंसा ने बड़ा रूप धारण कर लिया है, जिसके बाद मध्य प्रदेश के भी कई विद्यार्थी वहां फंस गए हैं. जब उनसे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने बातचीत की तो उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया है.  विद्यार्थियों का कहना है कि वह हॉस्टल में फंसे हुए हैं और उन्हें तुरंत निकाला जाना चाहिए.


सीएम मोहन ने किर्गिस्तान में पढ़ रहे छात्रों से की बात
सीएम मोहन यादव ने किर्गिस्तान में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की और उनका हाल जाना. छात्रों से बातचीत के बाद सीएम मोहन यादव ने कहा, किर्गिस्तान में देश के हजारों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें हमारे मध्य प्रदेश के छात्र-छात्राएं भी हैं. संतोष की बात है कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं. मैं सतत भारत सरकार के संपर्क में हूं, किर्गिस्तान में स्थिति नियंत्रण में है. अभिभावकों से आग्रह है कि आप भी चिंता न करें.भारत सरकार के माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodiजी के नेतृत्व में हम अपने सभी बच्चों को सुरक्षित वापस लायेंगे.''






किर्गिस्तान में किर्गी और मिस्र के विद्यार्थियों के बीच किसी बात को लेकर हिंसा शुरू हुई थी जो कि धीरे-धीरे किर्गिस्तान के कई इलाकों में विद्यार्थियों के बीच फैल गई. इस दौरान किर्गिस्तान में भारत-पाकिस्तान के विद्यार्थियों को भी निशाना बनाए जाने लगा. मध्य प्रदेश के उज्जैन के भी कई विद्यार्थी किर्गिस्तान में फंसे हुए हैं. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने विद्यार्थियों से बातचीत की. विद्यार्थियों ने गुहार लगाई कि उन्हें शीघ्र ही किर्गिस्तान से निकाला जाना चाहिए.


उज्जैन के छात्र रवि सराठे ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें हॉस्टल में ही रहने की हिदायत दी गई है. हॉस्टल से बाहर जाने की फिलहाल अनुमति नहीं है. हॉस्टल को सिक्योरिटी ने घेर रखा है. हॉस्टल के अंदर विद्यार्थी सुरक्षित हैं. हालांकि इस घटना से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. रवि ने भी प्रदेश और देश की सरकार से उन्हें शीघ्र ही किर्गिस्तान से निकलने की गुहार लगाई है. रवि ने बताया कि फिलहाल ताजा हिंसा की कोई खबरें उन तक नहीं पहुंच पा रही है, मगर जिस प्रकार से हॉस्टल में रहने की हिदायत दी गई है, उससे स्पष्ट है  कि बाहर जाना सुरक्षित नहीं है.


बड़ी संख्या में मेडिकल स्टूडेंट जाते हैं किर्गिस्तान


रवि ने बताया कि किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करना काफी सस्ता है. दूसरे देशों के मुकाबले यहां आधे खर्च में ही मेडिकल की पढ़ाई हो जाती है. वह भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. जिन विद्यार्थियों को विदेश से एमबीबीएस करना होती है वह किर्गिस्तान को अपने पहले नंबर पर रखते हैं. रवि ने बताया कि यदि आने-जाने की फ्लाइट के साथ सभी खर्च को जोड़ दिया जाए तो 40 लाख रुपए में 5-6 साल का कोर्स पूरा हो जाता है.