Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता प्रोजेक्ट के तहत 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से चीते लाए गए थे. दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को आज एक साल पूरा हो गया है. हालांकि, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों में अब सिर्फ आठ चीते ही बचे हैं, जिनमें चार नर और चार मादा शामिल हैं.


बता दें प्रोजेक्ट चीता के करार के तहत दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी 2023 को 12 चीते जोहान्सबर्ग से ग्वालियर लाए गए और फिर हेलीकॉप्टर से इन्हें कूनो में लगाया गया था. कूनो नेशनल पार्क में केन्द्रीय वनमंत्री भूपेन्द्र यादव और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. जबकि इससे पहले 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोड़ था. 


12 में से 8 चीते बचे
18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे. इन चीतों में 7 नर और 5 मादा चीता शामिल थे. हालांकि इन चीतों में एक मादा व तीन नर चीतों की मौत हो गई है. दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों में से अब 8 चीते शेष बचे हैं. इनमें नर चीते अग्नि, वायु, पवन और प्रभास तथा मादा चीता में धीरा, गामिनी, निर्वा और वीरा शामिल हैं. 


चीता प्रोजेक्टर पर एक नजर
17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे. जबकि 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 8 चीते लाए गए थे. इनमें से 7 वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 वयस्क चीते कूनो में बचे हैं. अब दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों में 8 चीते शेष बचे हैं, जबकि नामीबिया से लाए गए पांच चीते शेष बचे हैं. जबकि पांच शावक भी मौजूद हैं.


अफ्रीकी देशों के चीतों को महत्वाकांक्षी प्रोजक्ट चीता कार्यक्रम के तहत भारत लाया गया है. इसका मकसद विलुप्त होने के सात दशक बाद देश में एक बार फिर से चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करना है.



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