Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) जिला अदालत ने अवैध खनन के मामलों में 11 पुलिस थानों के स्टेशन हाउस ऑफिसर्स (SHO) को तलब किया है. जिला कोर्ट ने पूर्व आदेश के अनुपालन में लापरवाही करने वाले 11 पुलिस थानों के एसएचओ पर नाराजगी जताई है. न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी समीर कुमार मिश्रा की अदालत ने कहा  कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद अवैध खनन के 69 मामलों में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई? कोर्ट ने सभी 11 पुलिस थानों के एसएचओ से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है. 


कोर्ट ने सभी से पूछा है कि इस लापरवाही के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए? मामले पर अगली सुनवाई 21 मई को होगी. कोर्ट ने आदेश की प्रति कलेक्टर और एसपी को भी भेजने के निर्देश दिए हैं. बता दें जिले में अवैध खनन के मामले में अदालत ने 8 मई 2024 को पुलिस थाना खमरिया, बरेला, बरगी, कुण्डम, माढ़ोताल, तिलवारा, भेड़ाघाट, पनागर, गढ़ा, गौर चौकी (थाना बरेला) और ग्वारीघाट थाना प्रभारी को 69 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे.


क्या है पूरा मामला?
कोर्ट ने जिला खनिज अधिकारी आर के दीक्षित को भी निर्देश दिए थे कि वो कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करें. इस मामले में बुधवार (15 मई) को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि अभी पूर्व के आदेश का पालन नहीं हुआ है. दरअसल, 9 अप्रैल 2024 को खमरिया थाना अंतर्गत अमझर घाटी के पास अवैध खनिज के उत्खनन पर कार्रवाई करते हुए एक पोकलेन मशीन जब्त की गई थी. मशीन को खमरिया थाने में रखवाया गया था. इसके बाद कलेक्टर न्यायालय में अवैध खनन का प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत किया गया. कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे.


कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में प्रकरण तैयार कर जिला दण्डाधिकारी के सामने पेश किया गया है. इस मामले में 16 अप्रैल को खनिज विभाग की ओर से विजय कुमार चक्रवर्ती ने कोर्ट को बताया कि खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण के लिए एफआईआर का पंजीयन नहीं किया जाता. इसलिए नियम के अनुसार प्रकरण जिला दण्डाधिकारी के सामने पेश किया गया. खनिज विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने पाया कि विभिन्न थाना क्षेत्रों के अंतर्गत 1 अप्रैल 2023 से 1 अप्रैल 2024 तक अवैध खनन के 90 प्रकरण में कार्रवाई की गई. 


कोर्ट ने इनसे किया जवाब तलब
इनमें से 21 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि शेष 69 मामलों में एफआईआर का पंजीयन नहीं किया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस थाना खमरिया के एसएचओ सतीश कुमार, बरेला के जितेन्द्र पाटकर, बरगी के कमलेश चौरसिया, कुण्डम के अनूप नामदेव, माढ़ोताल के विपिन ताम्रकार, तिलवारा के बृजेश मिश्रा, भेड़ाघाट के प्रसन्न शर्मा, पनागर के अजय बहादुर सिंह, गढ़ा के नीलेश कुमार, गौर चौकी (थाना बरेला) के टेकचंद शर्मा और ग्वारीघाट थाना प्रभारी सत्तूराम मरावी से स्पष्टीकरण मांगा है.




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