Indore Municipal Corporation Scam: इंदौर नगर निगम में 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के मामले में आज निपानिया क्षेत्र में पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में आज इंदौर के अप टाउन निपानिया में राहुल वडेरा के यहां पर पुलिस ने 107 करोड रुपये के फर्जी बिल घोटाले में छापा मारा. 


FIR दर्ज करने के बाद पुलिस अब एक्शन मोड में आ गई है. निपानिया के बाद मदीना नगर पहुंची पुलिस ने आरोपी मोहम्मद सिद्दीकी के घर पर भी छापा मारा. नगर निगम के अधिकारी इस दौरान पुलिस के साथ मौजूद रहे और उन्होंने जांच शुरू की. आज करीब आठ जगहों पर पुलिस और नगर निगम की टीम ने छापे मारे. संयुक्त दल द्वारा की जा रही कार्रवाई के बाद आरोपियों के घरों से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. 


करवा चुका है एफआईआर दर्ज
पुलिस ने इस मामले में परसों रात को एक FIR भी दर्ज की थी आपको बता दें कि इंदौर नगर निगम में पांच कंपनियों ने साल 2015 से लेकर 2022 तक के 107 करोड़ रुपये के 188 बिल नगर निगम के वित्त विभाग में पेश किए थे. वहीं जो बात सामने आई उसके मुताबिक इनमें से करीब 168 बिलों के 80 करोड़ रुपये का भुगतान 2022 के पहले तक किया जा चुका है.


नगर निगम पांचों फर्म नींव कंस्ट्रक्शन (मो. साजिद), ग्रीन कंस्ट्रक्शन (मो. सिद्दीकी), किंग कंस्ट्रक्शन (मो. जाकिर), क्षितिज इंटरप्राइजेस (रेणु वडेरा) और जाह्नवी इंटरप्राइजेस (राहुल वडेरा) के खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज करवा चुका है. नगर निगम में अभी केवल 28 करोड रुपये के भुगतान बचे हैं जो केवल 20 बिलों के आसपास है.


धारा 420 सहित अन्य धाराओं में किया गया है प्रकरण दर्ज 
पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है और जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है उन पर 10000 रुपये का इनाम भी घोषित किया जा चुका है दूसरी तरफ नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने इन सभी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है और उनके भुगतान पर भी रोक लगा दी है. इधर शुक्रवार को जो FIR दर्ज की गई थी उसमें पुलिस ने मोहम्मद साजिद, मोहम्मद सिद्दीकी और राहुल वडेरा को आरोपी बनाया है जो क्रमशः खजराना, मदीना नगर और आशीष नगर के रहने वाले हैं. इन सभी पर धारा 420 सहित धोखाधड़ी के अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है. 


हो चुका है सभी कंपनियों को पेमेंट 
इधर नगर निगम बीते 10 सालों में इन कंपनियों को कितना भुगतान हुआ उसका वेरिफिकेशन करवा रहा है. जितने बिल हैं उसमें से 10 फाइलें उद्यान जानकारी विभाग और अन्य अहम विभागों की बताई जा रही है. हैरान करने वाली बात यह है कि इन सभी कंपनियों को पेमेंट हो चुका है, जबकि इनमें से कहीं ऐसे भी ठेकेदार थे जो कई सालों से पेमेंट के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन 2022 के पहले इन सभी कंपनियों ने अपना सारा पेमेंट नगर निगम से ले लिया.


'दोषी होगा उसे छोड़ नहीं जाएगा'
इधर नगर निगम में हो रहे फर्जी घोटाले के बीच कांग्रेस के नेता उमंग सिंगार ने बड़ा सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि नगर निगम में नेताओं और अधिकारियों की नाक के नीचे इतना बड़ा घोटाला हो गया और किसी को पता तक नहीं चला, यह हैरत की बात है. वहीं इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने उमंग सिंगार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उमंग सिंगार को कोई अधिकार नहीं है कि वह इस प्रकार की बातें करें.


उन्होंने आगे कहा कि नगर निगम अपना काम कर रहा है और पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जा रही है फिर भी दर्ज की गई है और पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. वहीं नगर निगम भी अपने स्तर पर जांच करवा रहा है जो भी दोषी होगा उसे छोड़ नहीं जाएगा.


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