Indore Famous Pizza: पिज्ज़ा... जी हां ये नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या इंदौर के एक खास पिज़्जा के बारे में आपने सुना है? अगर नहीं... तो चलिए हम आज आपको बताते हैं इसका नाम. इस खास व्यंजन का नाम है बाटी पिज्ज़ा. सुनने में आपको पहले थोड़ा अजीब जरूर लगा होगा लेकिन ये हकीकत है. नवाचार करने का हुनर इंदौरियन्स में कूट कूट कर भरा है. यही कारण है कि खाने के मामले में इंदौर का कोई दूसरा सानी नहीं है.


क्या है बाटी पिज्जा?
दरअसल, बाटी पिज्जा के बारे में जानने से पहले हम आपको बाटी के बारे में बता दें तो बेहतर होगा. बाटी मालवा प्रांत का विशेष व्यंजन है जो मोटे आटे से बनाया जाता है. सामान्यतः जैसे रोटी के लिए आटा गूंथा जाता है वैसे ही बाटी के लिए भी ये आटा गूंथा जाता है लेकिन फर्क इतना होता है कि ये गूंथा हुआ आटा मसालों को मिलाकर तैयार किया जाता है और इसकी गोल लोई बनाकर उसे ओवन या कंडे पर सेंका जाता है. पकने पर इसे घी में तलकर दाल के साथ परोसा जाता है. वहीं, इंदौर के मेघदूत की मशहूर चौपाटी पर इसी बाटी को पिज्जा के लहजे में बनाया और परोसा जा रहा है. यानी आप कह सकते हैं कि ये बाटी पिज्जा मैदा का रिप्लेसमेंट है. 


सेठ बाटी वाला के नाम से मशहूर है दुकान
चौपाटी पर यूं तो पूरे सप्ताह ही खाने के शौकीन पहुंचते हैं लेकिन शनिवार-रविवार का दिन यहां पैर रखने की इजाजत तक नही देता, क्योंकि यहां दर्जनों दुकानें खाने पीने के लिए ख्यात हैं. इन्हीं में से एक है सेठ बाटी वाला. सेठ बाटी वाला के संचालक आयुष अग्रवाल ने चर्चा में बताया कि यहां आने से पहले वे मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी कर रहे थे. लेकिन बाटी पिज्जा की शुरूआत करने से पहले वे आलू बाटी, मूंग बाटी, और पनीर बाटी इत्यादि व्यंजन बनाया करते थे. यानी इसकी शुरुआत कचौरी के रिप्लेसमेंट पर इसे तैयार किया गया.


बाटी पिज्जा में आलू का मसाला, पनीर, स्वीट कॉर्न, चीज़ वगैरह को मिलाकर पहले ओवन में आधा सेंक लिया जाता है. वहीं, बाकी का आधा बाटी पिज्जा सिगड़ी पर रोस्ट किया जाता है. पकने के बाद बाटी पिज्जा पर बटर को अप्लाई किया जाता है. वहीं इसे सॉस, ग्रीन चटनी और दही के साथ परोसा जाता है.


100 रुपये है बाटी पिज्जा की कीमत
आयुष अग्रवाल बताते हैं कि मालवा का स्वाद आज देश-दुनिया की जुबान पर है. पीएम मोदी भी इंदौर के खाने की तारीफ खुले मंच से कर चुके हैं. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि हम लोगों को बेहतर स्वाद किफायती दामों पर दे सकें. हालांकि, कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से इसका असर दुकान पर होता है लेकिन फिर भी यथासंभव कीमतों को नियंत्रित रखते हुए सेवाभाव से ये दुकान चला रहे हैं. यहां बाटी पिज्जा दोपहर 12.00 बजे से रात 11.00 बजे तक खाया जा सकता है. वहीं, इसकी कीमत की बात करें तो इसके लिए आपको एक प्लेट का 100 रुपया चुकाना होगा.


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