Indore News: आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि प्यासा कुएं के पास जाता है, लेकिन इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व प्रकरण निपटाने के लिए कहावत के उलट काम शुरू किया है. कलेक्टर खुद फोन पर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने के लिए आवेदकों से सीधा संपर्क कर रहे हैं.

वे फोन पर ही आवेदकों से नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन प्रकरणों के संबंध में बातचीत कर रहे हैं. इसके अलावा आवेदकों की समस्या निर्धारित सीमा में समय सीमा में निपटाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है.

क्या बोले आशीष सिंह?

कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि विभिन्न राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए आवेदकों के फोन नंबर उपलब्ध रहते हैं. इसी के जरिए जिला प्रशासन द्वारा उनसे सीधा संवाद किया जा रहा है. निराकरण के उपरांत फीडबैक भी लिया जा रहा है, ताकि राजस्व संबंधी प्रकरणों में निराकरण करने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो.

इसके अलावा यदि कोई कर्मचारी अधिकारी बीच में कोई गड़बड़ी करने की कोशिश करता है तो वह भी सीधे संवाद के दौरान पकड़ी जाती है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि अभी तक कई प्रकरणों को फोन के माध्यम से ही निपटाने की कार्रवाई की जा चुकी है.

कलेक्टर का फोन आते ही चौंक गए आवेदककलेक्टर आशीष सिंह ने जब नामांकन, बंटवारा और सीमांकन के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों से फोन पर वार्ता करते हुए कहा कि मैं कलेक्टर बोल रहा हूं और जानकारी मांगी तो आवेदक भी चौंक गए. उन्हें भरोसा नहीं हुआ कि कलेक्टर सीधे उनसे फोन पर बात कर रहे हैं. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आवेदन स्वीकार या अस्वीकार तथा निराकरण के पश्चात सत्य प्रतिलिपि आवेदकों को दी गई है या नहीं, इस बारे में भी जानकारी ली गई है. इसके अलावा यदि उन्हें कोई परेशानी का सामना करना पड़ा है तो उससे भी बिंदुवार अंकित किया गया है

आगे भी जारी रहेगी यह योजनाकलेक्टर अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि फीडबैक व्यवस्था के दौरान बार-बार किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ नकारात्मक फीडबैक आता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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