Holi 2024: होली आने में केवल 3 दिन बचे हैं और ऐसे में अब होली को लेकर बाजार सज गए हैं. इंदौर की बात करें तो यहां हर्बल रंग के साथ गुलाल की मांग बढ़ती जा रही है. दरअसल हर्बल कलर होली की मस्ती के बीच में आपके शरीर को महकाएंगे और इससे स्किन को कोई नुकसान नहीं होता है. इसलिए हर्बल रंग की मांग बढ़ती जा रही है.
 
बाजार में कुछ हर्बल कलर ऐसे भी हैं जो बेहतरीन आतिशबाजी का मजा भी देने वाले हैं. इनमें केमिकल रंगों से लोग बचने लगे हैं और उससे होने वाले त्वचा के नुकसान को बचाया जा रहा है. इसलिए अब हर्बल कलर लोगों की प्राथमिकता में शामिल हो गए हैं. इंदौर में हर्बल कलर की डिमांड बढ़ गई है और लोग अब हर्बल कलर मांगने लगे हैं.


इस कारण शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं
देशभर सहित इंदौर में भी होली का खुमार सर चढ़ने लगा है और बाजार रंग-बिरंगे रंगों से सज गए हैं. इंदौर में लोग अब केमिकल के कलर से होली खेलने से बच रहे हैं और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. दरअसल केमिकल वाले कलर सस्ते आते हैं लेकिन यह स्किन को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं दूसरी तरफ अगर बात करें तो हर्बल कलर केमिकल की अपेक्षा थोड़ा महंगा है, लेकिन यह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि इससे होली खेलने के बाद शरीर से खुशबू आती है. यह फूलों से बने होते हैं जो शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.


इससे शरीर महकता भी है
मल्हारगंज में रंगों व्यापार करने वाले सतीश वर्मा ने बताया कि वे पिछले कई लंबे समय से होली पर हर्बल कलर बेचते आ रहे हैं. लोग ज्यादातर केमिकल कलर खरीद करते थे. लेकिन अब उनकी पसंद बदलने लगी है और अब हर्बल कलर पसंद करते हैं. यह अपेक्षाकृत केमिकल से महंगे होते हैं. लेकिन केमिकल रंगों का नुकसान कुछ समय बाद दिखने लगता है. इससे त्वचा सूख जाती है और उसे पर रिएक्शन सामने आ सकता है. लेकिन हर्बल कलर की बात करें तो यह शरीर को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचते और इससे शरीर महकता भी है.


ये भी पढ़ें: MP Lok Sabha Elections 2024: 'कांग्रेस को नहीं मिल रहा है उम्मीदवार', CM मोहन यादव के बयान पर क्या बोली कांग्रेस?