मध्यप्रदेश की सबसे संवेदनशील धार्मिक विरासत स्थली विवादित भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर में मंगलवार (2 दिसंबर) की सुबह एक बार फिर तनावपूर्ण हालात बन गए. हर मंगलवार की तरह इस बार भी सकल हिंदू समाज यहां दर्शन-पूजन और हनुमान चालीसा पाठ के लिए पहुंचा, लेकिन आयोजन के दौरान पुरातत्व विभाग (पुरातत्व विभाग (ASI)) और हिंदू समाज के बीच विवाद खड़ा हो गया.
हिंदू संगठन अपने साथ मां वाग्देवी (सरस्वती) का एक नया तेल चित्र (कट आउट) लेकर पहुंचे थे, जिसे भीतर ले जाकर कर पूजन करने की तैयारी थी. लेकिन पुरातत्व विभाग (ASI) अधिकारियों ने उस चित्र को जब्त कर लिया और अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद माहौल कुछ देर के लिए गर्म हो गया.
प्रकरण पर भोज उत्सव समिति ने क्या कहा?
भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष का कहना है कि प्रति मंगलवार हम तेल चित्र लेकर माता जी की सत्याग्रह करते हैं इस बार हमारा तेल चित्र सिर्फ बदला गया है उसको अंदर नहीं ले जाने दिया गया उसे जब्त कर लिया गया है हम उसका विरोध करते है. जबकि पुरातत्व विभाग (ASI) की बिना अनुमति के सब रंगाई पुताई हो रही है, कार्यक्रम चल रहे है, यह पक्षपात नहीं होना चाहिए, और हमारा तेल चित्र वापस दिया जाए, नहीं तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.
हिंदू संगठनों ने लगाए आरोप
हिंदू संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि उर्स की तैयारी के नाम पर परिसर में बिना अनुमति रंगाई-पुताई की जा रही है, जबकि हिंदू पक्ष को लगातार रोका जाता है. पुरातत्व विभाग (ASI) की इस कार्यवाही के बाद सकल हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति में नाराजगी और बढ़ गई है.
हिंदू समाज ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही जब्त किया गया चित्र उन्हें वापस नहीं मिला और बिना अनुमति के हो रहे कार्यों पर रोक नहीं लगी, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. बता दें कि 23 जनवरी को शुक्रवार होने के कारण, पहले ही वसंत पंचमी पर्व को लेकर प्रशासन की चुनौतियां बढ़ी हुई हैं. ऐसे में यह नया विवाद भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद पर बढ़ते तनाव को फिर हवा देता दिख रहा है.