Cheetah in Kuno National Park: वर्ष 2022 में भारत में शुरू हुआ चीता प्रोजेक्ट अब सफलता की राह पर चल पड़ा है. श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता गामिनी द्वारा छह शवकों को दिए गए जन्म के बाद अब भारत में विदेशी से ज्यादा देशी चीतों की संख्या हो गई है. दक्षिण अफ्रीका-नामीबिया से लाए गए चीतों की संख्या 13 बची है, जबकि भारत में जन्मे चीतों की संख्या अब 14 हो गई है. 


बता दें कि 70 साल बाद भारत में चीते बसाए गए हैं. 17 मार्च 2022 को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था. इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे. इन चीतों की कुल संख्या में 20 हो गई थी. हालांकि 26 मार्च 2023 को साशा की किडनी इंफेक्शन से मौत हो गई थी. इसके बाद कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी आई और 27 मार्च को ज्वाला चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया, जिससे चीतों की संख्या 23 हो गई थी. 


चीतों की संख्या घटकर 15 रह गई
इसके बाद 23 अप्रैल को नर चीता उदय और 9 मई को मादा चीता की मौत हुई. 23 मई को एक शावक और 25 मई को दो शावकों की मौत और 11 जुलाई को चीता तेजस, 14 जुलाई को चीता सूरज व दो अगस्त को मादा चीता धात्री की मौत हो गई थी, जिससे चीतों की संख्या घटकर 15 रह गई थी. 


फिर मिली खुशखबरी
लगातार चीतों की मौत के बाद 03 जनवरी 2024 को एक बार फिर से कूनो से खुशखबरी आई, जिसमें मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया. इसके बाद 16 जनवरी को नर चीता शौर्य की मौत हुई. हालांकि इसके बाद दो बार खुशखबरी आई, जिसमें 16 जनवरी को ज्वाला ने शावकों को जन्म दिया, जबकि 10 मार्च को चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया. जिससे चीतों की संख्या अब 27 हो गई है. इसमें भी अच्छी बात यह है कि अब विदेशी चीतों से ज्यादा भारत में ही जन्मे चीतों की संख्या हो गई है.


ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में BJP ने क्लीन स्वीप करने का रखा लक्ष्य, ऐसे बना CM मोहन यादव के लिए चुनौती