Chandra Grahan 2022: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भले ही चंद्रग्रहण नहीं दिखा मगर चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद महाकालेश्वर मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ गई.  महाकालेश्वर मंदिर में चंद्र ग्रहण के बाद एक बार फिर पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया है. मंदिर में प्राचीन परंपराओं के अनुसार कपाट बंद नहीं होते हैं. मंगलवार को साल का आखिरी चंद्रग्रहण की खबर सुनकर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचकर पूजा पाठ शुरू कर दिया. महाकालेश्वर मंदिर में शिव भक्तों का दिन भर तांता लगा रहा.


चंद्र ग्रहण के बाद महाकालेश्वर मंदिर में उमड़े शिव भक्त


चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ और अधिक बढ़ गई. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी दिनेश ने बताया कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में महाकालेश्वर मंदिर के कपाट बंद नहीं होते हैं. हालांकि आरती और भोग चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के दौरान नहीं लगाया जाता है. ग्रहण खत्म होने के बाद महाकालेश्वर मंदिर को धोया जाता है. मंदिर की धुलाई के बाद पंडित और पुरोहित विधिवत पूजा अर्चना करते हैं. परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर में शिव भक्तों की अधिक भीड़ रही. 


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सभी आरती में भगवान के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान


भगवान महाकाल की भस्म आरती से पूजा पाठ का सिलसिला शुरू होता है. इसके बाद प्रातः कालीन आरती होती है फिर भगवान को भोग लगाकर आरती की जाती है. इसके पश्चात संध्याकालीन और रात में शयन कालीन आरती होती है. आरती के पूर्व भगवान का श्रृंगार किया जाता है. सभी आरती में भगवान महाकाल के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान रहे. शिवभक्त बड़ी संख्या में भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे. बता दें कि मंगलवार को साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा.