MP Election 2023: मध्य प्रदेश में यह पहला मौका है, जब विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी में खुलकर बगावत देखने को मिल रही है. कोलारस विधायक वीरेंद्र जोशी राघुवंशी ने केवल इस्तीफा ही नहीं दिया बल्कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमले भी बोले. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ज्यादा आग नहीं उगली. हालांकि रघुवंशी के कांग्रेस ज्वाइन करने की अटकलें भी तेज हो गई है.


गौरतलब है कि कोलारस के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने बीजेपी की सभी दायित्वों से इस्तीफा देते हुए किनारा कर लिया है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया व प्रद्युमन सिंह तोमर पर आरोप लगाए. विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का आरोप है कि वे जब क्षेत्र में छोटे-छोटे विकास कार्यों को लेकर आगे बढ़ते थे तो उन विकास कार्यों में महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रद्युम्न सिंह तोमर रोड़ा बन जाते थे. उन्होंने अभी कहा कि वे कांग्रेस में थे लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण उन्हें भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करनी पड़ी. जब से सिंधिया बीजेपी में आए तब से उनके लिए हर काम बड़ा मुश्किल हो गया. रघुवंशी ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य बीजेपी नेताओं से भी करने की बात कही मगर उन्हें राहत नहीं मिल पाई. 


सिंधिया और शिवराज के मामले में दिया यह बयान
विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के मुताबिक कुछ महीना पहले हुए अस्पताल में किसी घायल को देखने के लिए गए थे. इस दौरान उनके स्टाफ के कर्मचारियों का अस्पताल प्रशासन के कर्मचारियों से छोटा सा विवाद हो गया, जिसके बाद प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए. इस बात की जानकारी जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगी तो उन्होंने मुकदमा दर्ज होने से रोका. रघुवंशी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज ने उनकी जरूर आंशिक मदद की मगर उनकी तरफ से भी पूरी मदद नहीं मिल पाई.


लोकसभा चुनाव से बढ़ गई थी राजनीतिक रंजिश
कोलारस विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी के मुताबिक वह पहले कांग्रेस में थे. जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से उन्हें राजनीति की हर पड़ाव पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली.


उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति में कुछ लोग सामंतवादी तरीके से कम करना चाहते थे जिसके वह हमेशा घोर विरोधी रहे है, इसलिए उन्हें हर समय विरोध का खामियाजा भुगतना पड़ा. उनके मुताबिक बीजेपी में आने के बाद लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी केपी यादव की खुलकर मदद की. इसके बाद वे सिंधिया की आंखों में खटकने लगे. इस घटना के बाद से ही उनकी राजनीतिक  रंजिश बढ़ गई थी.


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