MP Bhojshala News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर (Indore) बेंच के आदेश पर भोजशाला (Bhojashala) का मंगलवार को 26वें दिन सर्वे किया गया. सुबह 8 बजे एएसआई के 11 अधिकारी 28 मजदूरों के साथ भोजशाला पहुंचे. मंगलवार के चलते भोजशाला में पूजा और सत्याग्रह भी किया गया. मंगलवार के चलते प्रशासन और पुलिस ने यहां चौक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की है. हिंदू पक्ष के लोग आज यहां मां सरस्वती का फोटो लेकर भोजशाला पहुंचे.


पुरातत्व विभाग की टीम 11 अधिकारियों और 28 मज़दूरों के साथ भोजशाला पहुंची. मंगलवार होने के कारण सूर्य उदय से सूर्य अस्त तक पूजा करने की अनुमति है. पूजा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इसी के साथ हिंदू पक्ष ने यहां सत्याग्रह भी किया.


ये हुआ था 24वें दिन
 सुबह एएसआई के 18 अधिकारी और 20 मजदूर भोजशाला पहुंचे. आपको बता दें 24वें दिन भोजशाला के गर्भगृह और हिंदू पक्ष जिसे यज्ञकुंड कहता है उसके आमने-सामने चिह्नित स्थानों पर खुदाई के दौरान 3 फीट के बाद जो पत्थर सामने आए हैं उन पर कई आकृतियां मिली है. इस पर टीम ने यहां पर बारीकी से खुदाई करते हुए साक्ष्य एकत्रित किए हैं. कथित यज्ञशाला का मेजरमेंट कर सफाई की है. मुस्लिम पक्ष इसे वजू खाना बताते हैं. वैज्ञानिक पद्धति से खुदाई की जाएगी. प्रशासन की ओर से यहां पर टीम को धूप से बचाने के लिए टेंट भी लगाया गया है.


हिंदू पक्ष का है ये दावा
इधर सर्वे को लेकर दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं. 25वें दिन हिंदू पक्ष की ओर से याचिका करता आशीष गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष सर्वे से संतुष्ट हैं. गोयल ने कहा कि सर्वे के दौरान एएसआई का उत्खनन जारी है प्रमाण भी सामने आ रहे हैं. पूरे सर्वे की वीडियो ग्राफी फोटोग्राफी कराई जा रही है साथ ही परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. उन्होंने कहा कि सर्वे दल में शामिल लोग वे लोग हैं जिन्होंने राम जन्मभूमि और काशी का सर्वे किया है. इसलिए उत्खनन को लेकर भ्रांति फैलाना उचित नहीं है. गोयल के मुताबिक उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है फिजिकल स्ट्रक्चर को छोड़कर अन्य जगह जो 50 मीटर के दायरे में आती है


 किया जा सकता है उत्खनन
गोयल ने आगे यह भी कहा कि अभी तक तो हम ही कह रहे थे की यह मजार असली नहीं है और अब तो एएसआई का भी यही कहना है कि मजार असली नहीं है. एएसआई ने अक्कल कुइया और गोमुख को लेकर भी अपनी स्वीकारोक्ति दी है.


मुस्लिम पक्ष ने किया खंडन
 इस बात का खंडन करते हुए मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि मजार के नीचे तहखाना में बाबा की असली मजार है. उन्होंने कहा कि सन 1450 ई के बाद महमूद खिलजी ने बाबा का आलीशान मकबरा बनाया जो ऊपर है. नीचे तहखाना में बाबा की असली मजार है. समद ने यह भी कहा कि हिंदू पक्ष के लोग नई-नई तरह की अफवाहें फैला रहे हैं. इस तरह की बातों से बचा जाना चाहिए और बिना सबूत कोई बात नहीं की जानी चाहिए. इतिहास में सारी चीज मौजूद हैं.


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