Women Asian Hockey Champions Trophy 2023: देश में पहली बार वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी 2023 का आयोजन होने जा रहा है. मंगलवार को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की और खेल विभाग के निदेशक सरोजनी लकड़ा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. अच्छी बात यह है कि इसकी मेजबानी रांची को मिली है. यह पहला मौका है जब रांची में हॉकी का कोई इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेला जाएगा. हॉकी इंडिया, हॉकी झारखंड और झारखंड सरकार ने संयुक्त रूप से इसकी घोषणा की. 27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक आयोजित होने वाले टूर्नामेंट के सभी मैच रांची के मरांग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम में खेले जाएंगे.


पहली बार भारत को मेजबानी
झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन ने चैंपियनशिप ट्रॉफी के लोगो का भी अनावरण किया. मंत्री द्वारा हॉकी इंडिया के अध्यक्ष को स्पॉन्सरशिप अमाउंट के रूप में 10 करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया. इस इंटरनेशनल टूर्नामेंट का आयोजन 1985 से हो रहा है, जबकि पहली बार भारत को इसकी मेजबानी मिली है. हसन ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के प्रयास से पहली बार देश में होने वाले इस इंटरनेशनल टूर्नामेंट की मेजबानी रांची को मिली है. बता दें कि भारतीय टीम में झारखंड की चार खिलाड़ी खेलेंगी. टीम में निक्की प्रधान, सलीमा टेंट, ब्युटी जंगजंग और संगीता कुमारी को शामिल किया गया है.


भारत के अलावा इस देश के खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
चैंपियंस ट्राफी में भारत के अलावा चीन, जापान, मलेशिया, कोरिया और थाईलैंड की टीम हिस्सा लेगी. प्रतिदिन तीन मैच होंगे. मैच शाम 4 बजे से शुरू होगा रात 10 बजे आखिरी मैच खत्म होगा. स्टेडियम की क्षमता करीब 7 हजार है, लेकिन अंतिम बार हुए एचआईएल में 12 हजार लोग एक साथ स्टेडियम में बैठकर मैच का आनंद ले चुके हैं. लोगों अनावरण व एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान ही हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने घोषणा की कि स्टेडियम में दर्शकों के बैठने के लिए तीन ओर के सिटिंग एरिया को निशुल्क रखा जाएगा. जबकि मुख्य गेट की तरफ पास से एंट्री दी जाएगी.


हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ने क्या कहा?
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने कहा कि, पहली बार झारखंड को एशियन चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी का मौका मिला है. यह सभी के लिए गर्व की बात है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खास तौर पर धन्यवाद दिया. तिर्की ने कहा कि जब छोटा था तब झारखंड के ट्राइवल खिलाड़ी जैसे जयपाल सिंह मुंडा व अन्य का नाम सुनता था, लेकिन उसके बाद झारखंड ने कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए.




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