Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला (Saraikela) जिले के थांदला थाना अंतर्गत कांडला के बस्ती में कोरोनावायरस के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से चड़क पूजा का आयोजन किया गया. दरअसल, यह एक अटूट विश्वास ही है जहां पूजा में अपनी भक्ति की शक्ति का प्रदर्शन करने वाले भक्त 50 फीट ऊंचे लकड़ी के खंभे पर लटक कर परिक्रमा करते हैं. साथ ही भगवान भोलेनाथ के साथ ग्राम देवता बूढ़ा बाबा की भी पूजा-अर्चना करते हैं. जानकारी देते हुए पूजा समिति के अध्यक्ष विजय महतो ने बताया कि, 1931 से लगातार यह कार्यक्रम चल रहा था, जो कोरोनावायरस की वजह से बंद हो गया था. लेकिन इस बार फिर बहुत ही भव्य तरीके से हम बूढ़ा बाबा की पूजा को संपन्न कर रहे हैं. यह ऊपर वाले की कृपा ही है कि आज तक कोई भी हादसा नहीं हुआ है. प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी ने बताया कि यह शक्ति उन्हें कहां से मिलती है, यह किसी को नहीं पता है. 


आपको बता दें कि शुक्रवार को पारंपरिक चड़क पूजा का भव्य आयोजन किया गया. श्री श्री सार्वजनिक चड़क पूजा समिति कांड्रा बस्ती की ओर से आयोजित दो दिवसीय अनुष्ठान के पहले दिन गुरुवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुखिया शंकरी सिंह, पूर्व जिला परिषद सदस्य सुधीर महतो, पूर्व पंचायत समिति सदस्य होनी सिंह मुंडा, पूर्व प्रमुख मनोज महतो, पूर्व उपमुखिया जयपाल यादव, विनय महतो, केशव महतो,रामाकांत महतो, लालबाबू महतो, राम महतो,आदि उपस्थित हुए. वहीं छोपल डांस ग्रुप चोड़ा सिंदरी के कलाकारों ने स्टेज पर अपनी प्रतिभा का रंगारंग प्रदर्शन किया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. देर रात छऊ नृत्य का भी आयोजन किया गया, जिसमें काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए. छऊ नृत्य के इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें महिलाओं द्वारा करतब दिखाए गए. 


कलाकारों ने किया सांस्कृतिक कार्यक्रम
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया की कल्पना महतो के नेतृत्व में छऊ नृत्य के कलाकारों ने अपनी कला से ऐसा समा बांधा कि रात भर दर्शक मैदान में डटे रहे. इसके अलावा विदेशों में अपनी कला का लोहा मनवा चुके पश्चिम बंगाल के छऊ नृत्य के उस्ताद शंभूनाथ कर्मकार के नेतृत्व में कलाकारों ने भी अपनी कला का उम्दा प्रदर्शन किया. शास्त्रों में वर्णित भगवान शिव से संबंधित विभिन्न दृष्टांत को नृत्य के माध्यम से भव्य प्रस्तुति कर कलाकारों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. रात भर दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों की हौसला अफजाई की. वहीं इस अवसर पर युवक समिति कांड्रा बस्ती की ओर से श्रद्धालुओं को चना और शरबत भी बांटा गया. आयोजन समिति के अध्यक्ष विजय महतो ने बताया कि कांड्रा मध्य बस्ती में चड़क पूजा मनाने की सदियों पुरानी परंपरा है और यह कई पीढ़ियों से लगातार चली आ रही है.



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