Parliament Building Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 28 मई 2023 को दिल्ली के सेंट्रल विस्टा में नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. राष्ट्रपति की जगह पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर देश के 19 राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है. सभी ने इसे गलत बताया है. वहीं यह मुद्दा अब झारखंड में भी उठने लगा है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है. झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी को दलित-आदिवासी विरोधी बताते हुए जनता के बीच जाने का मन बनाया है.


दरअसल, नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के समय तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को न बुलाने और अब उद्घाटन के समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न बुलाने को झामुमो ने बीजेपी का आदिवासी और दलित विरोधी चरित्र बताया है. वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे पर बीजेपी को निशाने पर ले रही है.ऐसे में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर झारखंड में हो रही राजनीति को बकवास बताते हुए बीजेपी के सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि, कांग्रेस और झामुमो आज खुद को आदिवासियों का हितैषी बता रही है, उन्होंने आजादी के 75 साल में पहले किसी आदिवासी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया?


झामुमो ने क्या कहा?
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि संसद के नए भवन का पहले शिलान्यास और अब उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कराए जाने की योजना से उजागर हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सोच विकृत है. झामुमो नेता ने कहा कि जिस समय नए संसद भवन की आधारशिला रखी जा रही थी, उस समय देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे, लेकिन उस समय भी एक दलित राष्ट्रपति का अपमान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद शिलान्यास किया था. अब जब 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है तब भी वर्तमान राष्ट्रपति की उपेक्षा की गई है. झामुमो नेता ने कहा कि बीजेपी का नए संसद भवन के शिलान्यास के समय दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपेक्षा कर दलित विरोधी होने का साक्ष्य दिया था. 


कांग्रेस ने क्या कहा?
अब वर्तमान राष्ट्रपति की उपेक्षा कर यह बता दिया है कि बीजेपी आदिवासी विरोधी भी है. झामुमो नेता ने कहा कि देश की 10% आबादी आदिवासी समुदाय से आती है, वह आज यह जान गए हैं कि पीएम मोदी का चेहरा किस कदर आदिवासी विरोधी है, ऐसे में जनता उन्हें सबक सिखाएगी. वहीं दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन की तिथि और कार्यक्रम तय होते नही कांग्रेस आक्रामक हो गई है. झारखंड कांग्रेस ने नए संसद भवन के निर्माण को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में  ज्यादा जरूरी महंगाई को रोकना, युवाओं को रोजगार देना और भारत की अर्थव्यवस्था को संभालना था, लेकिन एक व्यक्तिवादी सोच की वजह से संसद के नए भवन का करोड़ों रुपये खर्च कर निर्माण हुआ है.


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