झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रविकुमार ने JMM विधायक दशरथ गगराई पर चुनाव के दौरान फर्जी पहचान पत्र इस्तेमाल करने के आरोप की जांच के आदेश जारी किए हैं. यह कार्रवाई सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त को सौंपी गई है. विधायक की पहचान पर गंभीर सवाल उठाते इस मामले ने राजनीतिक हलचल तेज कर दिया है.

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लालजी राम तियू नामक व्यक्ति ने 3 बार खरसावां से विधायक रहे दशरथ गगराई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने दावा किया कि वर्तमान विधायक वास्तव में रामकृष्ण गगराई हैं, जो असली दशरथ गगराई के बड़े भाई हैं.


इस शिकायत को निर्वाचन अधिकारी ने सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह को जांच के लिए भेज दिया है. साथ ही, शिकायत के साथ एक हस्ताक्षरित हलफनामा भी संलग्न किया गया है, जिसमें पहचान संबंधी आरोपों को विस्तार से दर्ज किया गया है.


दशरथ गगराई ने आरोपों को किया खारिज


विधायक दशरथ गगराई ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने पीटीआई से बातचीत में कहा कि यह शिकायत बेबुनियाद और राजनीतिक प्रेरित है. गगराई ने दावा किया कि उन्होंने पहले भी हलफनामे और दस्तावेज जमा कराए हैं, जिनकी विधानसभा चुनावों में तीन बार जांच हो चुकी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जमानत पर हैं और सत्ता में बैठे लोगों पर ऐसे आरोप लगाने की आदत रखते हैं.


राजनीतिक हलचल और अगला कदम


झारखंड की राजनीति में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यह सीधे विधायक की पात्रता और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता से जुड़ा है. सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह अब शिकायत की पूरी जांच करेंगे और रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपेंगे. प्रशासनिक हलकों में भी यह मामला संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि इसमें चुनावी आचार संहिता और पहचान संबंधी मानकों पर सवाल उठते हैं. जांच के नतीजे आने तक राज्य की राजनीति में इस मामले को लेकर गर्माहट बनी रहने की संभावना है.