Jharkhand Political Crisis: झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस (Congress) कोटे के चार मंत्रियों के स्थान पर पार्टी विधायकों ने नए चेहरों को शामिल करने की मांग की है. इस मसले को कांग्रेस के 12 में आठ विधायक दिल्ली पहुंच  चुके हैं. इस बीच झारखड़ मुक्ति मोर्चा (JMM) के असंतुष्ट विधायक बैद्यनाथ राम (Baidyanath Ram) ने कहा कि आखिरी समय में मुझे झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) के मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने से मेरी गरिमा को ठेस पहुंची है और मैं चुप नहीं बैठूंगा.


लातेहार के विधायक राम ने कहा कि मेरे एससी समुदाय की भावनाओं को भी इससे ठेस पहुंची है. वो समाधान चाहते हैं. विधायक ने कहा "इसलिए, उन्होंने भविष्य की राजनीतिक कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए दोपहर में मेरे रांची आवास पर मेरे साथ एक बैठक बुलाई है." विधायक ने दावा किया कि, मुख्यमंत्री ने मंत्री पद पर निर्णय के लिए उनसे दो दिन का समय मांगा है. उन्होंने कहा कि सीएम दिल्ली में हैं. मुझे उम्मीद है कि जब वह रांची लौटेंगे तो कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया लाएंगे. अन्यथा, मैं अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं.


कांग्रेस विधायक असंतुष्ट
चंपई सोरेन सरकार में पार्टी के चार विधायकों को शामिल करने पर 12 असंतुष्ट विधायकों में से आठ पार्टी आलाकमान के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शनिवार शाम दिल्ली पहुंचे. कांग्रेस से नाखुश आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के फैसले को लेकर विधायकों में शनिवार को रांची के एक होटल में हंगामा हो गया, जहां जेएमएम के नए मंत्री और पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन पहुंचे. बसंत सोरेन ने उन्हें अपना निर्णय बदलने के लिए मनाया. 


सबसे पुरानी पार्टी के 12 विधायकों ने धमकी दी है कि अगर पार्टी के मंत्रियों की जगह नए चेहरे नहीं लाए गए तो वे 23 फरवरी से होने वाले आगामी राज्य विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे. राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और एक आरजेडी) हैं.


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