Jharkhand Deoghar Shravani Mela 2022: झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) में श्रावणी मेला (Shravani Mela) शुरू हो चुका है. कोरोना महामारी की वजह से करीब 2 साल के बाद श्रावणी मेले का आयोजन किया जा रहा है और ये देश के सबसे बड़े मेलों में से एक है. श्रावण मास शुरू होने के साथ कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) भी शुरू हो गई है. इसके तहत कावंड़िए बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर 105 किलोमीटर करी दूरी तय कर देवघर के बैद्यनाथ धाम (Baba Baidyanath Dham) पहुंचेंगे, जो 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है. ये मेला करीब एक महीने तक चलेगा. 


श्रद्धालुओं के लिए की गई है बेहतर व्यवस्था 
देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेश द्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. देवघर के उपायुक्त (जिलाधिकारी) मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 2 साल से श्रावणी मेला नहीं लगा था, अब भी कोरोना की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है लेकिन इस बार मेले का आयोजन हो रहा है. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए बाबाधाम आए और जलार्पण करें.


अधिक संख्या में कांवड़िए बाबाधाम आएंगे
मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि देवघर जिला प्रशासन श्रावणी मेले में बाबाधाम कांवड लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि 2 साल बाद मेला लग रहा है इसलिए इस बार अन्य सालों की तुलना में अधिक संख्या में कांवड़िए बाबाधाम आएंगे. उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधा के साथ जलार्पण की व्यवस्था की गई है. कांवड़िए आएं और संयम से रहें, सतर्कता बरतें और धैर्य के साथ कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करें, सबको बेहतर जलार्पण का अवसर मिलेगा. शौचालय, पेयजल और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.




पूरे मेला क्षेत्र की होगी निगरानी 
श्रावणी मेले में कांवड लेकर बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को दुम्मा और खिजुरिया के बीच स्पीरिचुअल हॉल में सारी सुविधाएं मिलेंगी. जहां सभी आराम कर सकते हैं. मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए सभी प्रवेश द्वार पर डीएफएमडी और एचएचएमडी के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई है. साथ ही मंदिर के अंदर निकास द्वार पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में वैध या अन्य सामान ले जाने की अनुमति नहीं होगी. शिवगंगा सरोवर सहित पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद है. इसके अलावा इंटीग्रेटेड पुलिस कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां से पूरे मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जाएगी.


ड्रोन कैमरे से भी रखी जाएगी नजर
श्रावणी मेला के दौरान ड्रोन कैमरे और कमांड कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. सभी भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष बलों की तैनाती की गई है. कांवड़िया पथ और मेला क्षेत्र में 21 अस्थायी थाना बनाया गया है. वहीं, 11 अस्थायी ट्रैफिक थाने भी बनाए गए हैं. भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.




शिवभक्तों से पट जाता है धाम 
गौरतलब है कि, देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन सावन महीने में ये पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है. भगवान भेालेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं. इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं. इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार की तरफ से और गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से पंडाल लगाए गए हैं.


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