Jharkhand News: झारखंड में चंपई सोरेन (Champai Soren) सरकार के कैबिनेट विस्तार होते ही कांग्रेस (Congress) में घमसान मच गया है. झारखंड कांग्रेस में मंत्री पद को लेकर फूट पड़ती दिख रही है. कांग्रेस के दर्जनभर विधायक पुराने चेहरों को ही दोबारा मंत्री बनाए जाने को लेकर नाराज हैं. अनूप सिंह, इरफान अंसारी, अंबा प्रसाद, विक्सल कोंगड़ी और दीपिका पांडे सिंह समेत ज्यादातर विधायक इस गुट का हिस्सा हैं.


वहीं अब झारखंड कैबिनेट विस्तार पर कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि हम कुल 12 लोग हैं. हमने पत्र के माध्यम से अपनी चिंता अपने पीसीसी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ साझा की है. हमारी जो मांग पहले थी, वह अभी भी है. हम सब शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी मांगें भूल गए हैं. हम केवल अपनी पार्टी को अपनी चिंताओं से अवगत कराने का प्रयास कर रहे हैं.






'जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हम साथ हैं'
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कैबिनेट विस्तार को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद की खबरों पर कहा कि हम 12 विधायक पीसीसी चीफ राजेश ठाकुर को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. हमारी एक ही मांग है जो इससे पहले भी आलाकमान को रिपोर्ट के माध्यम से बताई गई थी कि मौजूदा चार मंत्री ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. अब भी हमारी यही मांग है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हम 12 विधायक साथ रहेंगे.






प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?
वहीं शपथ ग्रहण समारोह के बाद झारखंड कांग्रेस विधायकों के एक गुट से मुलाकात पर झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि उन्होंने शपथ से पहले भी अपनी भावनाओं से अवगत कराया था. प्रभारी उनकी भावनाओं से अवगत होकर दिल्ली गए हैं, वह नेतृत्व को विधायकों की मंशा बताने का काम करेंगे. इनकी नाराजगी थी, हमारे कहने पर यह शपथ ग्रहण में गए थे. हम उनकी भावनाओं से अवगत हुए हैं और उस पर चर्चा करेंगे.



नई सरकार में मौका नहीं मिलने से विधायक नाराज
दरअसल जिन 8 विधायकों ने शुक्रवार (16 फरवरी) को मंत्री पद की शपथ ली उनमें रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल, मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, दीपक बिरुआ, हफीजुल हसन और बेबी देवी शामिल हैं. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल यह तीनों कांग्रेस के विधायक हैं. इनमें बसंत सोरेन और दीपक बिरुआ को छोड़कर सारे नेता हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री रहे थे. बसंत सोरेन हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं. इस तरह से चंपई सोरेन की सरकार में कुल चार मंत्री कांग्रेस कोटे के शामिल किए गए हैं. नई सरकार में मौका नहीं मिलने से पार्टी के दूसरे विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है.


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