Jharkhand August Important Dates for CM Hemant Soren: झारखंड (Jharkhand) की सियासत में लगातार बनते और बिगड़ते समीकरणों की सुगबुगाहट देखने के मिल रही है. बीते कुछ महीनों में हुई गतिविधियों का असर अगस्त के महीने में भी देखने के मिलेगा. अगस्त महीने की 3 तारीखें सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के लिए बेहद अहम साबित होने वाली है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू  (Abhishek Prasad Pintu) से ईडी पूछताछ करेगी तो वहीं दूसरी तरफ 4 अगस्त को दुमका से झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के विधायक और मुख्यमंत्री के छोटे भाई बसंत सोरेन (Basant Soren) के खिलाफ बीजेपी नेताओं की शिकायत के मामले में चुनाव आयोग के समक्ष सुनवाई होगी. इतना ही नहीं 5 अगस्त को चुनाव आयोग में खनन लीज मामले की सुनवाई होगी. 


1 अगस्त को अभिषेक प्रसाद से होगी पूछताछ
अवैध माइनिंग के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपये की अनुमानित मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सीएम हेमंत सोरेन  के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू को समन जारी किया है. उन्हें पूछताछ के लिए आगामी एक अगस्त को ईडी कार्यालय बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ के दौरान प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू का नाम सामने आया था. पंकज मिश्रा और अभिषेक प्रसाद पिंटू के बीच बातचीत का विवरण भी ईडी को मिला है. इन दोनों के नाम पर सरकार ने पूर्व में माइनिंग लीज का आवंटन भी किया है. संभावना ये भी जताई जा रही है कि दोनों को आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ हो सकती है. 


4 अगस्त को बसंत सोरेन मामले में सुनवाई 
एक अन्य मामले में दुमका (Dumka) से झारकंड मुक्ति मोर्चा के विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन के खिलाफ बीजेपी नेताओं की शिकायत के मामले में चुनाव आयोग के समक्ष 4 अगस्त को सुनवाई होगी. बसंत सोरेन के मामले में 15 जुलाई को सुनवाई होनी थी, लेकिन अब इसे 4 अगस्त को निर्धारित किया गया है. बीजेपी ने बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत की है कि वो चंद्र स्टोन वर्क्स में पार्टनर और ग्रैंड माइनिंग कंपनी में साझीदार है. उनकी ये साझेदारी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-9ए के तहत विधायकी से अयोग्यता के दायरे में आती है. 


5 अगस्त को खनन लीज मामले पर होगी सुनवाई
यहां ये भी बता दें कि, हेमंत सोरेन के नाम पर पत्थर खदान की जो लीज आवंटित हुई थी, वो उन्होंने सरेंडर कर दी है, लेकिन इस मामले को लेकर बीजेपी ने राज्यपाल से लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग तक शिकायत दर्ज कराई है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस पर हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था. उनके जवाब पर आयोग में सुनवाई का सिलसिला जारी है. अब खनन लीज से जुड़े मामले में भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई 5 अगस्त को होनी है. पिछली तारीख पर 14 जुलाई को मुख्यमंत्री ने आयोग के समक्ष वकील के जरिए अपना पक्ष रखा था. सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से कहा गया है कि उन पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9ए लागू नहीं होती है. बीजेपी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बताते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.


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