Jharkhand News: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर विधानसभा ने अपनी पूरी तैयारी पूरी कर ली है. बुधवार को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने विभागाीय अफसरों के साथ उच्चस्तरीय बैठक व सर्वदलीय मीटिंग की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विधेयकों में भाषाई त्रुटि होने के कारण उसके राजभवन से वापस होने के कई मामले आए हैं. इसलिए अब विधानसभा ने यह निर्णय लिया है कि जिस भाषा में विधेयक विधानसभा में पास होगा, उसी भाषा में वो विधेयक राजभवन भेजा जाएगा.


विधानसभा में विधेयक हिंदी में पास होता है अगर किसी विधेयक के अनुवाद करने की आवश्यकता पड़े तो राजभवन इसके लिए सक्षम भी है. इसके साथ ही स्पीकर ने कहा कि कार्यपालिका में त्रुटि या विधानसभा के प्रति उदासीनता से थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन सत्र के पहले ही पिछले दिनों झारखंड विधानसभा में तीन दिन के कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें आईएएस और झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने प्रशिक्षण लिया. अब इस प्रशिक्षण का लाभ इस सत्र में अवश्य मिलेगा.


स्पीकर ने की ये अपील
कार्यपालिका का काम ठीक होगा तो विधायिका और बेहतर काम कर पाएगी. उन्होंने कहा कि कार्यपालिका और विधायिका दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों को मिलकर ही काम करना है. स्पीकर ने उम्मीद जाहिर की कि विधानसभा का सत्र बेहतर चलेगा. उन्होंने आग्रह किया कि सभी सदस्य मानसून सत्र को बेहतर तरीके से चलाने में मदद करें. पक्ष और विपक्ष सहयोग करें. कहा कि वे भले ही अलग-अलग विचार के हैं, लेकिन उन्हें सदन जनता के हित के लिए ही काम करना है. इसलिए सभी सदस्य मिलजुलकर जनता के हित में काम करें.


बैठक में बीजेपी नहीं हुई शामिल
सर्वदलीय बैठक में बीजेपी के शामिल नहीं होने के सवाल पर स्पीकर ने कहा कि यह उनका मामला नहीं है. इसका जवाब बीजेपी को देना चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सदन सुचारू रूप से चले इसे लेकर सभी विधायकों ने अपनी राय दी है. बीजेपी के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने बताया कि पार्टी साढ़े तीन साल से विरोध में इस बैठक में शामिल नहीं हो रही है. विभागों के सीनियर अफसरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में स्पीकर ने निर्देश दिया कि आवश्यकतानुसार विभागों के वरीय पदाधिकारी सत्र के कार्यक्रम के अनुसार पदाधिकारी दीर्घा में उपस्थित रहेंगे.


इतने प्रश्नों के जवाब विभागों से अभी तक नहीं मिले
विधेयकों का राजभवन से वापस होने के मामले में स्पीकर ने पदाधिकारियों से जानकारी प्राप्त की और कहा कि सत्र में उपलब्ध कराए जाने वाले विधेयकों की लिपिकीय त्रुटि संबंधित विभागों द्वारा ध्यानपूर्वक जांच करना चाहिए. 1215 लंबित व अनागत प्रश्नों के जवाब विभागों से अभी तक नहीं मिले हैं. इस पर सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी खुद संज्ञान लें. बैठक में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जवाबों को तैयार करते समय पदाधिकारी प्रश्नों के उद्देश्य को स्पष्टता के साथ उल्लेख करें, ताकि जबाव से सदस्य सभा में संतुष्ट हो पाए.


स्पीकर ने निवेदनों के संबंध में भी पदाधिकारियों को संज्ञान लेने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि अब-तक कुल प्राप्त 866 निवेदनों में से 660 के उत्तर अप्राप्त है और 411 आश्वासनों में से 337 के उत्तर अप्राप्त है. उन्होंने गृह विभाग को मानसून सत्र के दौरान दंडाधिकारियों एवं पर्याप्त पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति के साथ विधि व्यवस्था को सुनिश्चित करने को कहा.


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