Jharkhand Reservation: झारखंड में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को कुल 73 प्रतिशत करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास है, इस पर विचार किया जा रहा है. ये जानकारी बुधवार को झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में राज्य सरकार की ओर से दी गई. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) ने आजसू पार्टी के विधायक सुदेश कुमार महतो (Sudesh Kumar Mahto) की ओर से सदन में लाए गए एक गैर सरकारी संकल्प के जवाब में बताया कि आरक्षण (Reservation) का प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए अगले 2 महीने में उपसमिति बनाई जाएगी. बताया गया कि कुल 73 प्रतिशत आरक्षण में एसटी को 32, एससी को 14 और पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव है. 


संवैधानिक अधिकारों का हनन
सदन में आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो की अनुपस्थिति में स्पीकर ने उनकी पार्टी के विधायक डॉ लंबोदर महतो को इस आशय के गैर सरकारी संकल्प पर बोलने के लिए अधिकृत किया था. डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि राज्य में होने वाली सरकारी नियुक्तियों तथा सरकारी शिक्षण संस्थानों में नामांकन में पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत अनुसूचित जाति को 10 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति को 26 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है. वर्ष 2000 में मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 14 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की थी, लेकिन इन अनुशंसाओं के मुताबिक आज तक आरक्षण में इन समुदायों के लिए उचित भागीदारी नहीं देना राज्य की बड़ी आबादी के संवैधानिक अधिकारों का हनन है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने उपसमिति बनाकर विचार करने की बात कही. 


कांग्रेस ने किया था वादा
बता दें कि, विगत 18 दिसंबर को झारखंड मुक्ति मोर्चा के महाधिवेशन में पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य में 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था का प्रस्ताव पारित किया गया था. कांग्रेस ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने का वादा किया था. इसे लेकर पिछले दिनों कांग्रेस विधायकों ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात भी की थी. 


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