Jharkhand Assembly Session: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में बुधवार को सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के विधायकों ने ही सरकार की घेराबंदी की और उसके निर्णयों पर सवाल उठाए. झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन (Sita Soren) ने सदन में सरकार की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए जहां विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दिया, तो वहीं पार्टी के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम (Lobin Hembrom) ने राज्य में शराब बिक्री की नीति पर सवाल उठाते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. 


सरकार का जवाब गलत है 
बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही जामा विधानसभा क्षेत्र की जेएमएएम विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार पर तख्ती लेकर धरने पर बैठ गईं. उन्होंने कहा कि सीसीएल की आम्रपाली परियोजना में वन भूमि पर अवैध कब्जा और एक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा अवैध तरीके से कोयले की ढुलाई को लेकर सदन में सवाल पूछा तो सरकार की ओर से बताया गया कि वहां कंपनी की ओर से कोई ट्रांसपोर्टिंग नहीं की जा रही है. सच ये है कि वन भूमि पर अतिक्रमण और गलत तरीके से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग की जा रही है, सरकार का जवाब गलत है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा के लिए हम लोग चुनकर आए हैं. यहां के लोगों और आदिवासियों के अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे. 


क्षेत्र में जाकर भी देंगी धरना 
बाद में स्पीकर रबींद्र नाथ महतो को जब विधायक के धरने पर बैठे रहने की सूचना मिली तो उन्होंने सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल को उन्हें मनाकर सदन में लाने के लिए भेजा. सीता सोरेन ने सदन में भी सीसीएल की परियोजना में वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने की मांग की. बाद में सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए सीता सोरेन ने कहा कि अगर उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो क्षेत्र में जाकर भी धरना देंगी. 


लोबिन हेंब्रम बोले शिबू सोरेन का चेला हूं 
सदन में बुधवार को ही सरकार के लिए उस समय असहज स्थिति पैदा हो गई, जब जेएमएएम के विधायक लोबिन हेंब्रम में राज्य में शराब बिक्री से जुड़ा मुद्दा उठाया. उन्होंने एक अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार पड़ोस के छत्तीसगढ़ से मॉडल मंगवाकर राज्य में शराब की बिक्री की कमान खुद अपने हाथों में लेने पर विचार कर रही है, ये सरासर गलत है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने जीवन भर नशामुक्ति के लिए काम किया. आज भी वो समाज को नशा से दूर रहने की सीख देते हैं. राज्य में उनके बेटे हेमंत सोरेन की सरकार है और ऐसे में यहां दूसरे राज्यों से शराब बेचने का मॉडल मंगाकर शराब बिक्री कराना शर्मनाक है. लोबिन हेंब्रम ने खुद को शिबू सोरेन का चेला बताते हुए कहा कि ये किसी कीमत पर नहीं होने दूंगा. शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज को शराब से दूर रखने का अभियान चलाया और अब सरकार शराब बेचेगी तो इसका विरोध होगा. 


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