Jharkhand News: झारखंड के जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी (Irfan Ansari) ने रांची पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. इरफान अंसारी का कहना है कि, पत्थरबाजी के आरोप में पुलिस अल्पसंख्यकों पर गोली चलाती है. वहीं भाजपाईयों के पत्थरबाजी के जवाब में पुलिस सिर्फ पानी का बौछार करती दिखी. इरफान अंसारी ने आगे कहा कि दो दिन पहले बीजेपी ने सचिवालय घेराव कार्यक्रम में पुलिस पर पथराव किया. जिससे कई पुलिसवाले घायल हो गए और कई पुलिसवालों की हालत गंभीर बताई जा रही है और वे मौत से जूझ रहे हैं. मौके पर कई पदाधिकारी और मीडियाकर्मी को भी गंभीर चोटें आई, जो इस समय अस्पताल में भर्ती है. 


वहीं घटना के वक्त पुलिस मार खाती रही और अपने बचाव में सिर्फ पानी का बौछार करती रही. पुलिस वालों ने अपने बचाव में गोलियां क्यों नहीं चलाई यह बात समझ से परे है. वहीं डॉ. इरफान ने कहा कि लोगों को याद होगा कि पिछले साल बीजेपी नेता नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी की गई थी. जिसके विरोध में पूरे देश में जुलूस निकाला गया था. इसी कड़ी में रांची में भी नूपुर शर्मा के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज द्वारा जुलूस निकाला गया था. तब पुलिस वाले ने जुलूस में पत्थरबाजी करने का आरोप लगाते हुए अपने बचाव में फायरिंग की. जिससे हमारे दो बेगुनाह अल्पसंख्यक बच्चे मौके पर ही शहीद हो गए. 


बीजेपी सचिवालय घेराव कार्यक्रम के दौरान हुआ था बवाल
डॉक्टर इरफान अंसारी ने सवाल उठाया कि एक तरफ पुलिस अपने बचाव में बेगुनाहों पर गोलियां चला देती है, तो दूसरी तरफ बीजेपी द्वारा पथराव करने पर पुलिस द्वारा सिर्फ पानी की बौछार की जाती है. पुलिस केस कर छोड़ दिया जाता है जो समझ से बिल्कुल परे है. दरअसल, सचिवालय घेराव वाले दिन प्रशासन के द्वारा धारा 144 लागू करने के बावजूद बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग उखाड़ने व हटाने की प्रयास किया. साथ ही उपद्रव मचाने लगे, ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल व दंडाधिकारी को निशाना बनाते हुए बोतल फेंका और पत्थरबाजी की. पुलिस पदाधिकारी व जवानों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे बैरिकेडिंग तोड़कर सचिवालय जाने का प्रयास करते रहे.



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