Jharkhand News: लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री से सियासत गरमा गई है. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED ने समन जारी करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है. आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब केंद्रीय जांच एजेंसी ने दो अलग-अलग मामलों में एक सीटिंग सीएम को पूछताछ के लिए दूसरी बार बुलाया हो. इसी बात को मुद्दा बनाकर विपक्ष हमलावर हो गया है.


बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर साधा निशाना


झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने तो इस समन को मुद्दा बनाकर राजनीति भी शुरू कर दी है. उन्होंने अपने आधािकारिक ट्विटर हैंडल से सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधाते हुए लिखा है कि, 'समाचार माध्यमों से पता चला कि हेमंत सोरेन जी को ईडी का समन मिला है. उन्हें 14 अगस्त को ईडी कार्यालय में पेश होना है. इससे पहले 18 नवंबर 2022 को उनसे अवैध खनन मामले में 10 घंटे की पूछताछ हो चुकी है. इस बार हेमंत सोरेन द्वारा खुद के एवं अपने परिवार के नाम से राजधानी रांची में आदिवासियों की दर्जनों जमीन हड़पने में हुए घोटाले एवं मनी लॉंड्रिंग मामले में पूछताछ होगी. आजादी के बाद हेमंत सोरेन शायद पहले ऐसे सीटिंग सीएम हैं, जिनसे दो अलग-अलग मामलों में जांच एजेंसियों ने पूछताछ के लिए अपने दफ्तर बुलाया है.'






'सीएम फंसते हैं तो आदिवासी कार्ड खेलते हैं'


बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, 'आजाद भारत के इतिहास में सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री का खिताब पाने के लिए आपको बधाई हेमंत बाबू. हमें पता है कि अब आप आदिवासी के नाम पर जनता की सहानुभूति पाने की कोशिश करेंगे, जांच एजेंसियों पर सवाल उठाएंगे पर ये जवाब नहीं देंगे कि अवैध खनन हुआ या नहीं, आपने और आपके खानदान ने गरीब आदिवासियों की जमीन हड़पी है या नहीं. जब गलत तरीके से कमाने की बात आती है तो आपके साथी प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल, पंकज मिश्रा हो जाते हैं और जब फंसते हैं तो आदिवासी कार्ड खेलते हैं.


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