Guillain Barre Syndrome Case in Ranchi: झारखंड की राजधानी रांची में एक बच्ची के गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) से पीड़ित होने की पुष्टि के बाद राज्य सरकार अलर्ट हो गई है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर शुक्रवार (31 जनवरी) को स्वास्थ्य विभाग के मंत्री और वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की. इस दौरान सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर और सिविल सर्जन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बीमारी से मिलते-जुलते लक्षणों को लेकर किसी भी व्यक्ति के अस्वस्थ होने पर तत्काल उसकी जांच और इलाज का बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. सीएम ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर और सिविल सर्जनों को कहा कि एहतियाती तौर पर सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्पेशल वार्ड तैयार रखे जाने चाहिए. 

GBS मरीज मिलने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने दिए निर्देश

सीएम ने कहा, ''स्पेशल वार्डों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, बीमारी के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए. यह बीमारी संक्रामक नहीं है, लेकिन समय पर इसका इलाज जरूरी है और इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए.''

महाराष्ट्र से आई थी पीड़ित बच्ची

बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा, ''रांची के बूटी मोड़ स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराई गई 5 साल की जिस बच्ची के जीबीएस से पीड़ित होने की बात सामने आई है, उसके बारे में बताया गया है कि वह हाल में अपने परिवार के लोगों के साथ महाराष्ट्र से आई है.''

GBS को लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत- स्वास्थ्य विभाग

उन्होंने जानकारी देते हुए आगे बताया, ''स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस यूनिट की टीम ने हॉस्पिटल जाकर उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की है. बच्ची का स्टूल कलेक्ट कर जांच के लिए पुणे भेजा गया है. झारखंड में किसी जगह पर इस बीमारी से किसी अन्य के पीड़ित होने की सूचना नहीं है, लेकिन इसे लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है.'' 

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने क्या कहा?

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में जुड़े झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा, ''पीड़ित बच्ची के इलाज को लेकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट से जानकारी ली गई है. वे इस विषय को व्यक्तिगत तौर पर देख रहे हैं. इस संबंध में केंद्र सरकार से भी गाइडलाइन मिलने का इंतजार है. बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार और कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

महाराष्ट्र और राजस्थान में जीबीएस के कई केस मिले हैं. डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी संक्रामक नहीं है. यह ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसमें नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है. इस बीमारी के ज्यादातर मरीज समय पर समुचित इलाज मिलने से स्वस्थ हो जाते हैं.

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