Jharkhand News: सरकारी योजना में कैसे सेंध लगाई जाती है इसका एक उदाहरण झारखंड में देखने को मिला. यहां मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लिए पश्चिम बंगाल से एक व्यक्ति ने अलग-अलग लोकेशन से 94 आवेदन डाले थे. ये सभी आवेदन एक बैंक खाते के जरिए डाले गए थे. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने शुक्रवार (31 जनवरी) को इसकी जानकारी दी. इस योजना के तहत झारखंड सरकार 18 से 50 साल के उम्र की करीब 56 लाख महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की वित्तीय मदद देती है. 

इस योजना की शुरुआत पिछले साल अगस्त में हुई थी तब हर महीने 1000 रुपये दिए जाते थे. हालांकि जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में घोषणा की थी कि सरकार बनने पर यह राशि बढ़ाकर हर महीने 2500 रुपये कर दी जाएगी.

आरोपियों पर की जाएगी एफआईआर

बोकारो के डिप्टी कमिश्नर जाधव विजय राव ने इस योजना का फर्जी तरीके से लाभ लेने का खुलासा किया और आवेदकों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए. इनमें से एक एफआईआर पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति पर किया जाना है जिसने एक खाते के लिए अलग-अलग लोकेशन से 94 आवेदन दिया था.

अधिकारी ने बताया कि झारखंड सरकार ने इस योजना की शुरुआत वित्तीय सहायता देकर महिला सशक्तिकरण के लिए किया था लेकिन जांच में पता चला कि धोखेबाज लोग लाभ का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल से यूसुफ ने अलग-अलग नाम से 94 आवेदन दिया था. इसके लिए एक बैंक खाते का इस्तेमाल किया था.

एक व्यक्ति ने दिए 78 आवेदन

ऐसे कई आवेदन मिले जिससे संदेह गहराया. इनमें से 49 आवेदन चंदनक्यारी, कासमर से 20, बेरमो से 12 और गोमिया से 7 आवेदन दिया गया था. जबकि पश्चिम बंगाल से एक और व्यक्ति ने 78 आवेदन दिया था. इसके लिए एक खाते का इस्तेमाल किया गया था जो कि अगस्त 2024 में खोला गया था. जिला आपूर्ति अधिकारी ने आवेदन में दर्ज राशन कार्ड नंबर को फर्जी पाया था. आवेदन में किकसू, हंसदा और मुर्मू सरनेम का इस्तेमाल किया जो कि झारखंड में आम हैं. 

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