Jharkhand News: झारखंड की उपराजधानी दुमका में बालू और पत्थर उद्योग की खस्ता हालत के वाबजूद राजस्व के वसूली मे  इजाफा हुआ है. माह नवंबर तक 88.32 फीसदी की वसूली हो चुकी है. वित्तीय वर्ष समाप्त होने में करीब चार माह का समय शेष है. दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू ने abp news को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वितीय वर्ष से भी ज्यादा यानि करीब 140 फीसदी से ज्यादा राजस्व की वसूली कर दुमका जिला को सबसे पहले स्थान पर लाने की हमारी तैयारी है. 


उम्मीद से ज्यादा की वसूली


डीएमओ केके किस्कू के अनुसार पिछले वितीय वर्ष 2022-23 मे वार्षिक लक्ष्य 5400 लाख था, लेकिन दुमका जिला के खनन विभाग ने 6584.33 लाख यानि 121.92 फीसदी हासिल किया. जबकि 2021-22 मे कोरोना की स्थिति थी. उद्योग चल नहीं पाये थेत्र वाबजूद इसके कर्मियों के मेहनत के प्रयास से सरकारी राजस्व उम्मीद से ज्यादा वसूली की जो राज्य में सर्वाधिक आंकड़ों में से एक था. 


उन्होंने कहा कि चालू वितीय वर्ष 2023-24  मे सरकार द्वारा विभाग को दुमका जिले के लिए 7560 लाख रुपये लक्ष्य निर्धारित किया गया.  नवम्बर 2023 तक 88.32 फीसदी लक्ष्य हासिल हो चुका है. यानि अब तक दुमका जिला खनन कार्यालय ने 6677.2 लाख की राशि की वसूली करने मे सफलता प्राप्त की है. जबकि अब भी चार माह शेष बचे हैं. इस बार हमारा लक्ष्य 140 फीसदी से ज्यादा राजस्व उगाही की है. 


माइंस बंद होने से राजस्व वसूली बड़ी चुनौती


केके किस्कू के मुताबिक वर्तमान मे जिले मे करीब 28 पत्थर खदान और 110 क्रशर उद्योग संचालित है. जबकि इलाके मे कुछ वर्ष पूर्व क्रेशर और माइंस उद्योग करीब 350 से ज्यादा थे, जो राजस्व के वसूली मे परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था. हाल के महीनों मे ज्यादातर क्रेशर और पत्थर माइंस के उद्योग लीज और अन्य कारणों से बंद होने के साथ बालू के डाक आदि नहीं होने का असर राजस्व के वसूली मे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. 


इसके वाबजूद खनन विभाग ने नवम्बर तक 82 से 88 फीसदी तक राजस्व की राशि वसूली करने मे सफलता प्राप्त कर ली है. उन्होंने यह भी दावा किया कि चालू वित्त वर्ष में भी राजस्व वसूली में दुमका जिला खनन कार्यालय का नंबर वन पोजिशन बरकरार रहने की उम्मीद है. 


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