Jharkhand News: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल की शुरू की गई कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के आदेश को चुनौती देने वाली अपील मंगलवार को खारिज कर दी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे की एक शिकायत के आधार पर लोकपाल ने यह कार्यवाही शुरू की थी.


न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंड पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश वाली पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. एकल पीठ ने सोरेन की याचिका को समय से पहले दायर किया गया बताया था. अदालत ने कहा, ‘‘अपील बेबुनियाद है, इसलिए सभी संबद्ध अर्जियों के साथ यह खारिज की जाती है."


खंड पीठ झारखंड से राज्यसभा सदस्य सोरेन की अपील पर सुनवाई कर रही थी. सोरेन ने उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ के 22 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी. पीठ ने लोकपाल की कार्यवाही और शिकायत के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका खारिज कर दी थी. पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए विशिष्ट आरोपों से यह स्पष्ट है कि शिकायत न केवल संपत्तियों की खरीद से संबंधित है, बल्कि यह अपीलकर्ता द्वारा ‘‘सत्ता के दुरुपयोग से संपत्ति जुटाने की घटनाओं’’ से भी संबंधित है. सोरेन ने दावा किया है कि ये संपत्तियां सात साल से अधिक समय पहले खरीदी गई थीं.


बीजेपी सांसद ने लगाए थे आरोप
अगस्त 2020 में की गई शिकायत में, झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के लोकसभा सदस्य दुबे ने आरोप लगाया था कि सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर भारी मात्रा में धन और संपत्ति अर्जित की और घोर भ्रष्टाचार में लिप्त रहे. लोकपाल ने तब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सोरेन के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि विषय को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता है या नहीं.


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