Jharkhand News: सन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद झारखंड में हुए सिख विरोधी दंगों (Anti-Sikh Riots) के 41 पीड़ितों को 39 साल के बाद मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इस दंगे के प्रभावितों के मुआवजे से जुड़े दावों की जांच के लिए गठित जस्टिस डीपी सिंह (DP Singh) कमीशन की अनुशंसा के मुताबिक राज्य सरकार ने राशि जारी कर दी है.


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के चार जिलों रांची, बोकारो, रामगढ़ और पलामू में दंगा प्रभावितों के लिए एक करोड़ 85 लाख 31 हजार 483 रुपये की राशि का आवंटन किया गया है. इनमें सबसे ज्यादा 24 दंगा पीड़ित बोकारो जिले के हैं, जिनके बीच एक करोड़ 20 लाख के मुआवजे का वितरण किया जाएगा.


रांची में छह लोगों को मिलेंगे 11 लाख 39 हजार रुपये


इसी तरह पलामू के दस पीड़ितों के बीच 17 लाख 88 हजार, रांची में छह लोगों के बीच 11 लाख 39 हजार और रामगढ़ में एक प्रभावित को 36 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. राज्य सरकार के गृह विभाग ने एकाउंटेंट जनरल और संबंधित जिलों के डीसी को पत्र लिखकर राशि के आवंटन की जानकारी दी है.


काफी समय से लंबित था मुआवजे का भुगतान


गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2015 में सिख दंगा प्रभावितों के मुआवजे के निर्धारण के लिए रिटायर्ड जस्टिस डीपी सिंह की अध्यक्षता में वन मेंबर कमीशन का गठन किया था. कमीशन ने दंगा प्रभावितों से आवेदन मंगाकर जांच की और इसके बाद सरकार को रिपोर्ट सौंप दी थी. इसके बावजूद मुआवजे का भुगतान लंबे समय से लंबित था.


हाईकोर्ट में दायर की गई थी जनहित याचिका


इस मामले में सतनाम सिंह गंभीर नामक शख्स की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसपर इसी महीने सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि दंगा पीड़ितों के मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों की जांच के लिए बनाए गए वन मैन कमीशन की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है.


ये भी पढ़ें- Jamshedpur: जमशेदपुर में मूर्ति विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, अनियंत्रित ट्रक ने श्रद्धालुओं को रौंदा, दो की मौत