Jammu-Kashmir News: जम्मू और श्रीनगर में गुरुवार को भूस्खलन और हिमस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि भारी बर्फबारी और बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में कम से कम 400 सड़कें प्रमुख मार्गों से कट गईं. जम्मू-कश्मीर में बर्फ से ढके दो स्थानों से 80 से अधिक लोगों को बचाया गया, जबकि सिक्किम में असाधारण भारी बर्फबारी के कारण एक रणनीतिक रूप से अहम सड़क टूट गई और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में मौसम सुहाना रहा और अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है.


जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में गुरुवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर एक रूसी स्कीयर की मौत हो गई, जबकि एक स्थानीय गाइड सहित सात लोगों को बचा लिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हिमस्खलन ने ‘आर्मी रिज’ के नजदीक अफरवात चोटी के खिलानमार्ग को दोपहर दो बजे अपनी चपेट में ले लिया और भीषण बर्फ में कई स्कीयर दब गए. पुलिस के मुताबिक, सात रूसी नागरिकों का समूह एक स्थानीय गाइड के साथ आर्मी रिज के उस क्षेत्र में चला गया, जहां स्की नहीं की जा सकती तथा जो हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील होता है.


फंसे हुए स्कीयर को बचाने की कोशिश 


गुलमर्ग पुलिस थाना के प्रभारी हारून कर ने बताया, ‘‘उस इलाके में पहले ही हिमस्खलन की चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद वे लोग उस इलाके में गए और दुर्भाग्य से एक स्कीयर की मौत हो गई.’’ उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी, सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के गश्ती दल फंसे हुए स्कीयर को बचाने के लिए सयुंक्त रूप से अभियान चला रहे हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक की पहचान रूस के मॉस्को निवासी हेंटेन के तौर पर की गई है और उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए तंगमार्ग उप-जिला अस्पताल ले जाया गया है.


80 से अधिक लोगों को बचाया गया


उन्होंने बताया कि बचाए गए लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एक विदेशी को विशेष इलाज के लिए श्रीनगर स्थानांतरित किया गया है. कश्मीर घाटी में बर्फबारी के कारण लगातार चौथे दिन बंद रहे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन में एक निर्माण श्रमिक की मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक भारतीय सेना ने काजीकुंड में बर्फबारी में फंसे हुए 80 से अधिक लोगों को बचाया. पुलिस ने बताया कि श्रमिक की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी देशपॉल (31) के रूप में हुई है, जो सुबह करीब 8.30 बजे रामबन जिले में सेरी के पास अपने कंपनी मुख्यालय के बाहर भूस्खलन की चपेट में आ गया.


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