जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार (20 सिंतबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश में हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र की ओर से ठोस कदम उठाए जाने जरूरी हैं.

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मुख्यमंत्री ने श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का जल्द ही जम्मू-कश्मीर दौरा प्रस्तावित है और इस दौरान राज्य सरकार उनसे राहत पैकेज की औपचारिक मांग करेगी. उमर अब्दुल्ला ने कहा, "नुकसान बहुत बड़ा है. जान-माल का नुकसान हुआ है, खासकर किश्तवाड़ और कटरा की यात्राओं के दौरान कई लोगों की जानें गईं और संपत्ति को भी भारी क्षति पहुंची है. लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार का हस्तक्षेप अनिवार्य है."

सूखे मेवे की उपज को पहुंचा भारी नुकसान - उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने राज्य में हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा साझा किया. मुख्यमंत्री के अनुसार हाल की प्राकृतिक आपदाओं और घटनाओं में करीब 330 पुल पूरी तरह बह गए हैं. 1500 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं. कई सरकारी इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि किसानों की फसलें और बागान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. उमर अब्दुल्ला ने विशेष तौर पर बताया कि राज्य की सूखे मेवे की उपज को भी भारी नुकसान पहुंचा है.

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हमारे हालात को समझेंगे प्रधानमंत्री- अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नुकसान का आकलन पूरा कर लिया है और इसे प्रधानमंत्री के सामने रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने नुकसान का सही आकलन कर लिया है. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री हमारे हालात को समझेंगे और जम्मू-कश्मीर के लिए एक बड़ा पैकेज देंगे, जिससे हम इस तबाही से उबर सकें.

विकास के लिए सहायक होगा पीएम का राहत पैकेज

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें सभी बिंदुओं की जानकारी देंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी राज्य की जनता के दुख-दर्द को समझते हुए एक व्यापक और प्रभावी राहत पैकेज की घोषणा करेंगे.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का पैकेज न केवल बुनियादी ढांचे की मरम्मत और विकास के लिए सहायक होगा, बल्कि किसानों और प्रभावित परिवारों को भी राहत प्रदान करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच सहयोग से ही इस संकट का समाधान संभव है.