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कश्मीर घाटी में बढ़ते नशे के खतरे को जड़ से मिटाने के लिए श्रीनगर के जैनाकोट (HMT) इलाके में एक अनूठी और सशक्त सामुदायिक पहल शुरू की गई है. इलाके की आठ प्रमुख मस्जिदों ने एकजुट होकर एक विशेष 'एक्शन कमेटी' का गठन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य नशीले पदार्थों के इस्तेमाल और इसके अवैध व्यापार पर पूरी तरह रोक लगाना है.

कमेटी ने अपनी शुरुआत बेहद सख्त कदम के साथ की है. सदस्यों ने जानकारी दी कि नशे की लत में डूबे और इस काले कारोबार में शामिल कई लोगों की पहचान कर ली गई है. इलाके को सुरक्षित रखने के लिए कमेटी ने इन व्यक्तियों को आवश्यक कानूनी कार्रवाई हेतु जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले कर दिया है. कमेटी का कहना है कि उनका प्राथमिक लक्ष्य अपने युवाओं के भविष्य की रक्षा करना और समाज में एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करना है.

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पब्लिक मीटिंग में दी गई सख्त चेतावनी

बीते शुक्रवार (13 दिसंबर) को जैनाकोट में एक विशाल जनसभा (पब्लिक मीटिंग) का आयोजन किया गया. बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि ड्रग्स के कारोबार या इसके सेवन में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. कमेटी ने साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भविष्य में और भी कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

दिन-रात की कड़ी निगरानी

युवाओं को नशे की गर्त में जाने से रोकने के लिए कमेटी ने निगरानी तंत्र को मजबूत किया है. इलाके के बच्चों और युवाओं की दिन और रात दोनों समय नियमित जांच की जा रही है. इस सक्रिय निगरानी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बाहरी या स्थानीय तत्व युवाओं को नशे का शिकार न बना सके.

नशा छोड़ने की अंतिम अपील

एक्शन कमेटी ने उन लोगों से, जो वर्तमान में नशे की लत का शिकार हैं, तुरंत यह घातक आदत छोड़ने की भावुक और कड़ी अपील की है. कमेटी ने दोहराया कि यह उनके पास सुधरने का आखिरी मौका है, क्योंकि इसके बाद प्रशासन और समाज मिलकर उनके खिलाफ ज़ीरो-टोलरेंस की नीति अपनाएंगे.

पुलिस और समुदाय का समन्वय

कमेटी के सदस्यों ने इस अभियान में मिल रहे सहयोग के लिए जम्मू और कश्मीर पुलिस का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पुलिस के सपोर्ट के बिना इस स्तर पर कार्रवाई संभव नहीं थी. कमेटी ने संकल्प लिया है कि जब तक ज़ैनाकोट पूरी तरह से 'ड्रग-फ्री' नहीं हो जाता, तब तक यह मुहिम जारी रहेगी.