J&K पीपल्स कॉन्फ्रेंस के प्रेसिडेंट और हंदवाड़ा के MLA सज्जाद लोन ने शुक्रवार (19 दिसंबर) को अरुणाचल प्रदेश गए कश्मीरियों को धमकियां मिलने पर सुरक्षा की मांग की है. इस दौरान उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र के उन लोगों को हो रही परेशानी की खबरों पर गहरी चिंता जताई, जो रोजी-रोटी के लिए देश के दूसरे हिस्सों में जाते हैं.
हालात को परेशान करने वाला बताते हुए लोन ने कहा कि उन्हें खुद अरुणाचल प्रदेश में काम कर रहे अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों से परेशानी भरे कॉल आए हैं. इस बात पर जोर देते हुए कि इस तरह का माइग्रेशन जिले के लोगों के लिए एक पुरानी परंपरा रही है.
सज्जाद लोन ने लगाई सुरक्षा की गुहार
PC प्रेसिडेंट ने जोर दिया कि केंद्र सरकार को हर कीमत पर उनकी सुरक्षा और इज्जत पक्की करनी चाहिए. उनकी यह अपील सोशल मीडिया पोस्ट और वायरल वीडियो के बाद आई है, जिसमें नॉर्थ ईस्ट में काम करने वाले कश्मीरियों को कुछ लोग 'सिक्योरिटी थ्रेट' बताकर परेशान और प्रताड़ित करते दिख रहे हैं.
सज्जाद लोन ने गृह मंत्री से तुरंत ध्यान के लिए कहा
सज्जाद लोन ने एक पोस्ट में गृह मंत्री अमित शाह से गुहार लगाते हुए लिखा कि अरुणाचल प्रदेश के मूल निवासी इस बात पर गहरी चिंता जता रहे हैं कि कैसे कुपवाड़ा और कश्मीर के कई दूसरे जिलों से संदिग्ध कश्मीरी मुसलमान बिना किसी सही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और लीगल ट्रेड लाइसेंस के सेंसिटिव बॉर्डर स्टेट में घुसकर बिजनेस कर रहे हैं.
सज्जाद लोन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले पर तुरंत ध्यान देने और प्रभावित लोगों की सुरक्षा और भलाई की गारंटी के लिए दखल देने की अपील की, कई नेटिजन्स ने कश्मीरियों पर सिस्टमैटिक हमलों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
एक कश्मीरी नागरिक ने किया पोस्ट
एक नेटिजन ने एक लंबी पोस्ट में लिखा, "क्या हम भारत के नागरिक नहीं हैं. इस देश के बराबर और अभिन्न अंग? क्या कश्मीरी मुसलमानों को ईमानदारी से रोजी-रोटी कमाने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए रहने और काम करने की जगह चुनने का संवैधानिक अधिकार नहीं है?"
कश्मीरी शॉल बेचने वालों और मजदूरों पर हमले और धमकियां पहले भी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से मिली हैं. हाल ही में कई कश्मीरियों को असम, औरंगाबाद और दूसरे उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी ऐसे ही भेदभाव वाले हमलों का सामना करना पड़ा है.