Jammu Kashmir News: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक के जरिए इस केंद्र शासित प्रदेश में 75 साल बाद अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) को न्याय मिलेगा क्योंकि पंचायत एवं नगर निकायों के चुनाव में उनके लिए सीटें आरक्षित हो जाएंगी. दूसरी तरफ, विपक्ष ने सरकार से आग्रह किया कि इस केंद्र शासित प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और विधानसभा चुनाव कराए जाएं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने ‘जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024’ को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा.


विधेयक में जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989; जम्मू कश्मीर निगम अधिनियम, 2000 और जम्मू कश्मीर नगर निगम अधिनियम, 2000 में संशोधन का प्रस्ताव है. राय ने कहा, ‘‘यह पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में ओबीसी को अधिकार देने वाला विधेयक है. इसमें ओबीसी को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है.’’ उनका कहना था कि यह ओबीसी की प्रगति और उन्हें न्याय दिलाने के लिए लाया गया विधेयक है.


विधेयक में है यह प्रावधान
मंत्री ने कहा, ‘‘इस संशोधन के द्वारा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान हो सकेगा. अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी किए जाने के बाद पूरा संविधान लागू कर दिया गया.’’ राय ने कहा, ‘‘यह एक प्रगतिशील विधेयक है जो आजादी के 75 साल के बाद ओबीसी को न्याय देगा. 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.’’ विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल ने कहा कि इस विधेयक में कई खामियां हैं. गिल के अनुसार, वित्तीय स्वतंत्रता इस व्यवस्था को चलाने के लिए जरूरी होती है, नौकरशाही का हस्तक्षेप भी इस व्यवस्था को कमजोर करता है.


कांग्रेस की ओर से रखी गई यह दलील
गिल ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था राजनीतिक हस्तक्षेप से भी मुक्त होनी चाहिए. गिल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए भी प्रावधान करना चाहिए क्योंकि जम्मू-कश्मीर में सिख आबादी भी है. बीजेपी सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में ओबीसी लोगों को इंसाफ मिल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों के समय स्थानीय राजनीतिक दलों और कांग्रेस ने वोटबैंक की राजनीति की, लेकिन ओबीसी समुदाय के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया. शर्मा ने कहा कि इस विधेयक में महिलाओं के लिए आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है.


वाईएसआर कांग्रेस ने किया समर्थन
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर के देश के साथ पूरी तरह एकीकरण का समर्थन करती है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि लोकसभा और विधानसभाओं में भी ओबीसी को आरक्षण की व्यवस्था की जाए.अनुराधा ने कहा कि ओबीसी वर्ग के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया जाना चाहिए ताकि इस वर्ग के लिए और बेहतर ढंग से काम हो सके.


लोगों को गुमराह किया जा रहा है- नेशनल कॉन्फ्रेंस
नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंचायतों, नगर निकायों से संबंधित कानून पहले से थे और इस संशोधन विधेयक से यह बात साबित हो गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 हटाने के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. मसूदी ने कहा कि यह संशोधन विधेयक जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लाया जाना चाहिए था. तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि यह पहली बार है कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया. रॉय ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनकी हालत पर छोड़ दिया जाए. हमारी मांग है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराया जाए.’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पूर्ण राज्य की बहाली की जाए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि गृह मंत्री ने सदन में वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब सरकार को चुनाव की समय-सीमा बतानी चाहिए.


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