J&K Job Aspirants Protest Against JKSSB and APTECH: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) में सरकारी नौकरियों (Govt Jobs) के लिए एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ बुधवार (8 मार्च) को श्रीनगर में प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों में इच्छुक उम्मीदवार और नेता शामिल थे. विभिन्न परीक्षाओं के संचालन के लिए APTECH लिमिटेड को अनुबंध दिए जाने के विरोध में जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार प्रेस एन्क्लेव में एकत्रित हुए.


APTECH कंपनी की ओर से आयोजित विभिन्न परीक्षाओं को कागजात के लीक होने या स्क्रीन शेयरिंग के उपयोग और छात्रों को अवैध रूप से पास करने में मदद करने के अन्य उपायों के कारण रद्द कर दिया गया है. ताजा मामला पिछले महीने प्रतिष्ठित न्यायिक सेवा परीक्षाओं का है, जिसे कथित तौर पर कंपनी की ओर से पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दिया गया था.


प्रदर्शनकारियों ने की ब्लैक लिस्टेड कंपनियों पर बैन लगाने की मांग


जम्मू और कश्मीर सरकार और JKSSB के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि एलजी प्रशासन को इस बात की जांच करनी चाहिए कि पेपर लीक और घोटाले केवल कश्मीर में ही क्यों होते हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में सभी ब्लैक लिस्टेड कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जब तक इन ब्लैक लिस्टेड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, कोई भी छात्र किसी प्रतियोगी परीक्षा में नहीं बैठेगा.''


प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि APTECH लिमिटेड राजस्थान, लेह, अंबाला और अन्य सहित देश के अन्य हिस्सों में कई घोटालों में शामिल रही है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था जो जेकेएसएसबी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.


पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला ने साधा सरकार पर निशाना


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने छात्र उम्मीदवारों के खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए सरकार की आलोचना की है. एक ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं छात्रों और जेकेएसएसआरबी के उम्मीदवारों के खिलाफ बल प्रयोग और लाठीचार्ज की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. ये युवा जेकेएसएसआरबी की ओर से ब्लैक लिस्टेड फर्म एप्टेक को शामिल करने के हालिया फैसले के विरोध में अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे.''


एक अन्य ट्वीट में उमर ने कहा कि, ''इस अनुबंध को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए. किसी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का क्या मतलब है अगर उन्हें बड़े अनुबंध दिए जा रहे हैं. यह अनुबंध और भी खतरनाक है क्योंकि यह उन उम्मीदवारों के भविष्य को खतरे में डालता है जो भर्ती परीक्षा के लिए जेकेएसएसआरबी पर भरोसा करते हैं.'' वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा, ''कई राष्ट्रीय पत्रों ने भी इन घोटालों को उजागर किया है, नौकरी के इच्छुक लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं किया जा रहा है.''


पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने यह कहा


पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उम्मीदवारों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए अनुबंध को तुरंत वापस लेने और दागी कंपनी को ठेका देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. महबूबा ने कहा, "मैं एलजी से उन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए कहती हूं जिन्होंने ब्लैक लिस्टेड एक कंपनी को यह ठेका दिया है. ये वही अधिकारी हैं जिन्होंने 2019 में जम्मू-कश्मीर को तोड़ने की साजिश रची थी."


प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उपराज्यपाल प्रशासन को इस अवसर पर उठना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के युवाओं के व्यापक लाभ के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. वहीं, नवीनतम भर्ती परीक्षा कैलेंडर जारी होने के बाद, स्पेक्ट्रम भर के उम्मीदवारों और राजनीतिक नेताओं ने एप्टेक को काम पर रखने के लिए जेकेएसएसबी की निंदा की है.


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