Jammu Kashmir Assembly Session: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार (10 मार्च) को बिलावर, कठुआ में नागरिकों की हत्या और गुलमर्ग में अश्लील फैशन शो को लेकर हंगामा देखने को मिला. सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की.
दरअसल, प्रश्नकाल शुरू होते ही एनसी और कांग्रेस के विधायक बिलावर में नागरिकों की हत्या पर चर्चा की मांग को लेकर खड़े हो गए. सदन में हंगामे के बीच, विधायक डॉ. रामेश्वर सिंह ने सदन के वेल में जाने की कोशिश की, लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक दिया. रामेश्वर सिंह पर शनिवार (8 मार्च) की रात बिलावर में हमला किया गया था.
वहीं स्पीकर ने एनसी सदस्यों से बार-बार व्यवधान पैदा करने से बचने और अपनी सीटों पर बैठने के लिए कहा. हालांकि, एनसी सदस्य अडिग रहे और अपना विरोध जारी रखा. सदन में हंगामे के बीच, कुपवाड़ा के विधायक मीर मोहम्मद फैयाज ने गुलमर्ग में अश्लील फैशन शो के आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
हंगामे के बीच, स्पीकर ने कहा कि बिलावर हत्याकांड पर सदन चर्चा नहीं कर सकता, क्योंकि यह मामला विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 की धारा 32 का हवाला दिया, जिसके तहत पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.
स्पीकर ने कहा कि जहां एलजी ने पहले ही कठुआ मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं वही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले ही फैशन शो की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा, "इस पर चर्चा नहीं की जा सकती क्योंकि जांच के तहत आने वाले मामलों को सदन में नहीं उठाया जा सकता." स्पीकर ने ये भी कहा कि सदन विधायक डॉ. रामेश्वर सिंह पर हमले की निंदा करता है और इसकी गहन जांच होनी चाहिए.
वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार (10 मार्च) को स्पष्ट किया कि गुलमर्ग में फैशन शो के आयोजन में जम्मू-कश्मीर सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. विधानसभा में बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यह कार्यक्रम एक निजी होटल में आयोजित एक निजी समारोह था, जिसमें कोई सरकारी बुनियादी ढांचा शामिल नहीं था.
उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह जांच करने का निर्देश दिया गया है कि क्या आयोजकों ने किसी कानून का उल्लंघन किया है. सीएम ने कहा, "उन्हें बताया गया है कि यदि कोई उल्लंघन किया गया है तो मामले को पुलिस को सौंप दिया जाना चाहिए."
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