Jammu-Kashmir News: जम्मू जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) भीम सेन टूटी ने डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज की ऑपरेशंस तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने भाग लिया. समीक्षा बैठक का उद्देश्य सुरक्षा स्थिति का आकलन करना और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक रणनीतियों पर चर्चा करना था.
बैठक में आईजीपी जम्मू ने ऑपरेशनल तत्परता और प्रतिक्रिया तंत्र का गहन विश्लेषण किया. इस दौरान विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस बलों के बीच समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया. संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए तैनात बलों की भूमिका और उनकी तैयारियों का भी आकलन किया गया. साथ ही, क्षेत्र में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की संभावनाओं पर भी विचार किया गया.
लॉजिस्टिक्स, गश्त और निवारक उपायों पर हुई चर्चा
आईजीपी ने बलों की रणनीतिक तैनाती, निगरानी तंत्र और खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने लॉजिस्टिक्स, गश्त और निवारक उपायों को बेहतर करने की आवश्यकता पर चर्चा की, जिससे किसी भी संभावित घटना को रोका जा सके. सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों और संसाधनों का प्रभावी उपयोग करने की जरूरत पर भी विचार किया गया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखें और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें.
इसके अलावा, आईजीपी जम्मू ने स्थानीय समुदायों के साथ संवाद स्थापित करने और विश्वास निर्माण को बढ़ावा देने पर बल दिया. उन्होंने विशेष रूप से कठिन और दूरदराज के इलाकों में तैनात अधिकारियों के कल्याण और सुविधाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने आश्वासन दिया कि सुरक्षा बलों की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे. इस बैठक से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
बैठक में आईजीपी जम्मू ने ऑपरेशनल तत्परता और प्रतिक्रिया तंत्र का गहन विश्लेषण किया. इस दौरान विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस बलों के बीच समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया. संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए तैनात बलों की भूमिका और उनकी तैयारियों का भी आकलन किया गया.
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