Jammu and Kashmir News:जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने मंगलवार को कहा कि ईद (Eid) प्यार और भाईचारे का त्योहार है जो शांति और स्थिरता का संदेश देता है. मनोज सिन्हा ने मंगलवार को हजरबल दरगाह (Hazratbal Dargah) का दौरा किया जहां वक्फ बोर्ड के चेयरमैन दरक्षण अंद्राबी ने उनका स्वागत किया. वहां मनोज सिन्हा ने त्योहार से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत की.


उपराज्यपाल ने पत्रकारों से कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस त्योहार की तैयारी पूरी कर ली गई है. मैंने प्रशासन के साथ बैठकें की हैं जिसमें वक्फ बोर्ड के चेयरमैन भी मौजूद थे. मनोज सिन्हा ने बताया कि बैठक में साफ-सफाई, पानी और बिजली की आपूर्ति पर चर्चा की गई. मुझे लगता है कि यह त्योहार शांति और स्थिरता का संदेश देता है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष दरक्षण अंद्राबी भी मौजूद थे.


ईद की तैयारियों में जुटा वक्फ बोर्ड
दरक्षण अंद्राबी ने कहा कि आनंद और उल्लास से भरे ईद के लिए तैयारियां कर ली गई हैं. उपराज्यपाल ने हजरतबल का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की. हजरत बल कश्मीर का चेहरा है. यहां नमाज अदा करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.  श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा की गई ताकि उन्हें किसी तरह की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. दरक्षण अंद्राबी ने कहा कि वक्त बोर्ड घाटी में मस्जिदों और दरगाहों में साफ-सफाई करवा रहा है. हम चाहते हैं कि ईद खुशियां लेकर आए क्योंकि जम्मू-कश्मीर में अब शांति और अमन है. हम चाहते हैं कि ईद आनंद के साथ मनाया जाएगा. जम्मू-कश्मीर में ईद गुरुवार को मनाई जाएगी.


बकरीद का कुर्बानी का यह है महत्व
ईद उलअजहा यानी बकरीद में कुर्बानी का खास महत्व होता है. इसलिए इस पर्व को कुर्बानी या बकरा ईद भी कहा जाता है. कुछ लोग तो बकरीद से लेकर अगले तीन दिनों तक भी कुर्बानी देते हैं. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, ईद उल अजहा पर अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा ली और अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान कर देने को कहा. पैगंबर को बेटे हजरत ईस्माइल से सबसे ज्यादा प्यार था और वह उन्हें जान से भी ज्यादा अजीज था.


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