साल के आखिरी चंद्र ग्रहण पर जम्मू कश्मीर स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में पूजा के समय को लेकर कुछ बदलाव किए गए है. श्राइन बोर्ड ने रविवार (7 सितंबर 2025) को लगने वाले पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखते हुए विशेष व्यवस्था की है.
बोर्ड ने जानकारी दी कि पवित्र पिंडियों की नियमित पूजा केवल प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक ही होगी. वहीं, अटका में संध्या भजन संध्या का आयोजन शाम 7:20 बजे से शुरू होगा.
श्राइन बोर्ड की घोषणा
ग्रहण की अवधि: 07 सितंबर रात्रि 9:57 बजे से 08 सितंबर प्रातः 1:26 बजे तक, पवित्र पिंडियों की पूजा: 11:00 बजे से 12:40 बजे तक और अटका भजन संध्या: शाम 7:20 बजे से होगी. श्राइन बोर्ड ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर पोस्ट कर श्रद्धालुओं से अपील की कि वे समयानुसार दर्शन और पूजा की योजना बनाएं.
धार्मिक मान्यता और सूतक काल
हिंदू धर्म में ग्रहण का गहरा महत्व माना गया है. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-अर्चना की गतिविधियां रोक दी जाती हैं. इस बार सूतक काल 07 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा. कुल 3 घंटे 28 मिनट तक चलने वाले इस ग्रहण के दौरान श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
चंद्र ग्रहण और ब्लड मून
चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है. इस बार का ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और इसमें "ब्लड मून" भी दिखाई देगा. जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, तो उसका रंग लाल हो जाता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है. यह दुर्लभ खगोलीय घटना भारत के कई शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता और भोपाल समेत अन्य स्थानों पर भी दिखाई देगी.