Himachal Pradesh News: विश्व कैंसर दिवस के मौके पर 4 फरवरी को विश्व भर में कैंसर जागरूकता की बात हो रही है. हिमाचल प्रदेश उन चंद राज्यों की सूची में शुमार है, जहां कैंसर मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जाता है. राजधानी शिमला (Shimla) के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को सभी टेस्ट की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी बस में मरीज और उसके एक तीमारदार को मुफ्त यात्रा की भी सुविधा है. कैंसर का इलाज आयुष्मान भारत और प्रदेश की हिम केयर योजना के तहत कवर किया जा रहा है.


नहीं मिल रही PAT-CT स्कैन की सुविधा


इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में बने कैंसर अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे मरीजों का कहना है कि कैंसर अस्पताल में उन्हें सभी सुविधाएं मिलती है. डॉक्टर्स का व्यवहार भी मरीजों के साथ बहुत अच्छा है. इसके अलावा रहने के लिए सराय और खाने के लिए मुफ्त लंगर की सुविधा भी मिल रही है, लेकिन अस्पताल में पैट सीटी स्कैन की मशीन उपलब्ध नहीं है. इस मशीन की जरूरत कैंसर के करीब एक-तिहाई मरीजों को पड़ती है. इस टेस्ट के जरिए मरीज के शरीर में कैंसर का पता चलता है. कैंसर के इलाज शुरू होने और कैंसर से पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद भी इस टेस्ट की जरूरत होती है.


मरीजों को जाना पड़ता है चंडीगढ़


पैट-सीटी स्कैन मशीन न होने की वजह से कैंसर के मरीजों को इस टेस्ट के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ता है. इसके लिए मरीज को 15 हजार की भारी-भरकम रकम चुकानी होती है. यही नहीं, इस टेस्ट के लिए छह महीने का इंतजार भी करना पड़ता है. शिमला के एक निजी अस्पताल में इस टेस्ट की सुविधा है, लेकिन इसके लिए भी 15 हजार चुकाने होते हैं. अस्पताल में पैट-सीटी स्कैन मशीन की सुविधा मिल जाए, तो मरीजों का इलाज और ज्यादा आसानी से हो सकेगी. पूर्व बीजेपी सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में इस मशीन लगाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो सका है. इसके अलावा बीआरसीए-1 और बीआरसीए-2 का ब्लड टेस्ट कराने के भी मरीज परेशान हो रहा हैं.


मरीजों को बेहतर सुविधा देने की कोशिश


कैंसर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में कैंसर मरीजों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने का काम किया जा रहा है. सरकारी स्तर पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. पैट-सीटी स्कैन मशीन को लेकर उन्होंने कहा कि इसे लेकर अस्पताल स्तर पर सभी काम पूरा किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में यह मशीन इंस्टॉल हो जाती है, तो इससे मरीजों के इलाज में आसानी हो सकेगी. ऐसे में अब कैंसर मरीजों की निगाहें सरकार की ओर टिकी हुई हैं, ताकि सरकार जल्द से जल्द इस मशीन को इंस्टॉल कर मरीजों को सुविधा मिल सके.


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