Valentine's Day 2023: विश्वभर में मंगलवार को वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा है. वेलेंटाइन डे दो प्यार करने वालों के लिए एक-दूसरे से मिलने का दिन होता है. इस दिन प्रेमी प्यार का इज़हार भी करते हैं. आज हम आपको वैलेंटाइन डे के खास मौके पर ऐसे ही दो प्यार करने वालों की कहानी बताएंगे. यह खास प्रेम कहानी जिला सिरमौर के नाहन में मुकम्मल हुई. प्रेमी जोड़े अक्सर साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं. ऐसी ही कसम इस सच्ची कहानी के दो असल किरदारों ने भी खाई थी. हालांकि, साथ मरने का वादा तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन लड़की ने मरने के बाद उसी जगह पर अपनी कब्र बनवाई, जहां उसके प्रेमी को दफन किया गया था.


1883 में हुई थी डॉ. इडविन पियरसाल की मौत


बात उस समय की है, जब सिरमौर रियासत काल में एक अंग्रेजी अफसर सिरमौर के राजा के पास चीफ मेडिकल ऑफिसर के तौर पर काम करते थे. लूसिया अपने पति डॉ. इडविन पियरसाल के साथ हिमाचल प्रदेश के नाहन शहर में आई थीं. डॉ. पियरसाल ने राजा के पास 11 साल तक सेवाएं दीं. अपने सेवा काल के दौरान ही 19 नवंबर 1883 को 50 साल की उम्र में ही उनकी मौत हो गई.


मिलिटरी ऑनर के साथ ऐतिहासिक सैरगाह विला राउंड में दफनाया


जब डॉ. पियरसाल की मृत्यु हुई, उस समय उनकी पत्नी लूसिया की उम्र 49 साल थी. सिरमौर के महाराजा ने डॉ. पियरसाल की मृत्यु के बाद उन्हें मिलिटरी ऑनर के साथ ऐतिहासिक सैरगाह विला राउंड के उत्तरी हिस्से में दफन करवाया. यह जगह पियरसाल ने अपनी मौत से पहले खुद ही चुनी थी. उन्होंने अपनी मौत के बाद इसी जगह पर दफन होने की इच्छा जाहिर की थी.


पति की मृत्यु के बाद भी इंग्लैंड वापस नहीं गई लूसिया


लूसिया अपने पति डॉ. पियरसाल से बेपनाह मोहब्बत करती थीं. डॉ. पियरसाल की तरह लूसिया भी रहम दिल और रियासत में लोकप्रिय महिला के तौर पर विख्यात थीं. पति की मौत के बाद लूसिया ने इंग्लैंड वापस न जाकर नाहन में ही रहने का फैसला किया. लूसिया अपने पति से बहुत प्यार करती थी. पति की मृत्यु के बाद लूसिया ने भी अपने पति के बगल की कब्र में दफन होने की अंतिम इच्छा जाहिर की थी.


पत्नी लूसिया ने किया 38 साल तक इंतजार


अपने पति की कब्र के बगल में दफन होने के लिए लूसिया ने 38 साल तक लंबा इंतजार किया. 19 अक्तूबर 1921 को लूसिया का इंतजार खत्म हुआ और वो भी अपने पति को याद करते-करते दुनिया को अलविदा कह गईं. लूसिया की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए महाराजा ने उन्हें सम्मान के साथ उनके पति डॉ. पियरसाल की कब्र के बगल में दफन करवाया.


वैलेंटाइन डे पर आज भी कैथोलिक कब्रगाह जाते हैं प्रेमी


आज भी वैलेंटाइन डे के मौके पर लोग विला राउंड स्थित कैथोलिक कब्रगाह जाते हैं. पियरसाल दंपत्ति की अमर प्रेम की कहानी को बयां करने वाली वास्तुकला से परिपूर्ण कब्रें आने-जाने वालों लोगों को आकर्षित भी करती हैं.


नाहन शहर के निर्माण में डॉ. पियरसाल का भी योगदान


डॉ. पियरसाल सिरमौर रियासत काल में चीफ मेडिकल ऑफिसर के साथ-साथ नाहन नगर परिषद के अध्यक्ष भी थे. नाहन में अंडरग्राउंड ड्रेनेज का आइडिया भी डॉ. पियरसाल ने ही दिया था. शहर में कई बेहतरीन कार्यों के लिए आज भी डॉ. पियरसाल याद किया जाता है.


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