HP Vidhan Sabha Monsoon Session: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि बीजेपी सरकार ने 'अमृत महोत्सव' समारोहों पर 6.93 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन आधिकारिक कार्यक्रमों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को आमंत्रित नहीं किया. विधानसभा में कांग्रेस सदस्य संजय रतन के एक सवाल का जवाब देते हुए सुक्खू ने कहा कि अमृत महोत्सव केंद्र सरकार का कार्यक्रम था, लेकिन पैसा राज्य के बजट से खर्च किया गया. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों और देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले शहीदों को समर्पित होने चाहिए थे. 


सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अगर स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को भी आमंत्रित किया जाता और सम्मानित किया जाता तो इसका महत्व बढ़ जाता. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समारोहों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए था, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने वाले रतन को भी उनके निर्वाचन क्षेत्र के कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे कार्यक्रमों को बंद नहीं करना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को आमंत्रित किया जाए.


'नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से किया ये आग्रह'
विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि देश भर में अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए गए और हिमाचल ने भी कार्यक्रम आयोजित किए और पैसा खर्च किया, लेकिन मौजूदा सरकार इसे मुद्दा बना रही है. उन्होंने कहा कि संजय रतन के परिवार को आमंत्रित नहीं करना एक गलती हो सकती है, जिसे सुधारा जाना चाहिए और सवाल किया कि क्या सरकार केंद्र द्वारा लाई गई किसी योजना या कार्यक्रम को लागू करेगी. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार से रद्द की गई 'लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना' को बहाल करने का भी आग्रह किया. 


'चुनावी फायदे के लिए बीजेपी ने मनाया अमृत महोत्सव'
'लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना' में आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों को प्रति माह 11,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है. यह योजना पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी. कांग्रेस विधायक संजय रतन ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनावों को ध्यान में रखते हुए अमृत महोत्सव मनाया और सरकारी धन का दुरुपयोग किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया गया था. रतन ने कहा, 'यह अधिक उचित होता यदि यह पैसा स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में स्मारक बनाने पर खर्च किया जाता.'


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