Property Tax in Shimla: शनिवार को नगर निगम शिमला की बैठक बचत भवन में हुई. मासिक बैठक में पार्षदों के विरोध के बावजूद संपत्ति कर (Property Tax) में चार फीसद की बढ़ोतरी पर मुहर लग गई. इसके साथ ही शहर में अब हर साल टैक्स की दर में बढ़ोतरी को भी लागू कर दिया है. राजधानी शिमला में टैक्स की राशि को केंद्र से आए नए फॉर्मूले के मुताबिक बढ़ाने के प्रस्ताव नगर निगम की बैठक में लाया गया था. इसका पार्षदों ने खुलकर विरोध किया और इस पर काफी देर हंगामा भी होता रहा.


नगर निगम प्रशासन ने दिया यह तर्क


इसके बाद प्रशासन की ओर से बताया गया कि यदि इसे लागू नहीं किया जाता है, तो 40 करोड़ की अनुदान राशि पर संकट गहराएगा. वर्तमान में केंद्र सरकार से शिमला नगर निगम ये ग्रांट जारी की जाती है. इसमें कट लग सकता है. इसका शहर के विकास कार्यों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इसलिए हिमाचल शिमला ही नहीं, बल्कि पूरे देश में इसी तरह की टैक्स व्यवस्था को लागू किया जाना है. इसके तहत साल में एक बार टैक्स में बढ़ोतरी होगी. इसकी दर राज्य की जीडीपी की पांच साल की औसत पर तय की जाएगी. हर साल अलग से बढ़ोतरी की दर इसी फार्मूले के तहत तय होगी. इस बार की औसत कोरोना काल के सालों के होने के कारण कम रही. इसलिए बढ़ोतरी 4 फ़ीसदी की गई है.


भाजपा ने किया विरोध


भाजपा से लेकर माकपा पार्षद ने भी इसका खुलकर विरोध किया और इस मसले पर काफी देर हंगामा होता रहा. विपक्ष के पार्षदों का तर्क था कि इससे शहर के लोगों पर पड़ेगा, लेकिन प्रशासन ने उन्हें समझाया कि शहर के विकास के लिए अनिवार्य है. इसके बावजूद उनका विरोध चलता रहा, साथ ही टैक्स की नई को लागू करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया.


आने वाले वक्त से हर साल बढ़ोतरी


पुराने फामूले के तहत इस बार नगर निगम में 10 फ़ीसदी टैक्स बढ़ोतरी की प्रस्तावना थी. नया फार्मूला आने के बाद टैक्स में चार फीसद की ही बढ़ोतरी हुई है. भले ही इस साल लोगों को बढ़ोतरी कम लगेगी, लेकिन अब हर साल शहर में टैक्स की दर बढ़ेगी. इसका सीधा बोझ शहर के लोगों पर पड़ेगा.


पहली बार साल में आएंगे टैक्स के दो बिल


नगर निगम शिमला की ओर से शहर के भवन मालिकों को पहली बार टैक्स के दो बिल जारी किए जाएंगे. इससे पहले जिन भवन मालिकों ने अपने टैक्स के बिल जारी कर दिए हैं. अब उन्हें जो बढ़ोतरी के बाद बचा हुआ बिल है, उसे अलग से जारी किया जाएगा. शहर में 30 हजार से ज्यादा भवन मालिक टैक्स जमा कराते हैं. नगर निगम को इससे 21 करोड़ रुपए की आय होती है. इस बढ़ोतरी के बाद लगभग एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी.


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