Departure of Monsoon from Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों से मॉनसून की विदाई हो चुकी है. शेष तीन जिलों से भी आने वाले दो दिनों के अंदर मॉनसून विदा हो जाएगा. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (IMD Shimla) के मुताबिक ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और शिमला जिला के कई भागों को मॉनसून अलविदा कह चुका है. वहीं, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला से भी मॉनसून जल्द विदाई ले लेगा. आने वाले दो दिनों के अंदर प्रदेश में मॉनसून का प्रभाव पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा.


हिमाचल में 24 जून को आया था मॉनसून 


मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल (Dr. Surender Paul) ने बताया कि हिमाचल में इस साल 24 जून को मॉनसून ने दस्तक दी थी. 24 जून से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 884.8 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह बारिश सामान्य से 20 फीसदी ज्यादा हुई है. आमतौर पर मॉनसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में 734.4 मिलीमीटर बारिश होती है. इस सीजन में जून महीने में 121.7 मिलीमीटर, जुलाई महीने में 448.9 मिलीमीटर और अगस्त महीने में 247.6 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं, सितंबर महीने में 69.6 मिलीमीटर बारिश हुई. कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा, ऊना, बिलासपुर, सिरमौर और मंडी जिला के अलग-अलग स्थानों में अत्यधिक बारिश रिकार्ड की गई.


हिमाचल में मॉनसून की बारिश का इतिहास


हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश के इतिहास पर नजर डालें, तो साल 2000 में 9 जून के दिन मानसून में दस्तक दी थी. जो आज तक इतिहास में सबसे जल्दी आने वाला मॉनसून है. इसी तरह साल 2010 में 5 जुलाई को मॉनसून सबसे देर से आया था. साल 1901 से लेकर साल 2023 के आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए, तो प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश साल 1922 में हुई थी. इस साल प्रदेश में 1314.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी. बात अगर साल 2023 की करें, तो इन सालों में यह 36वीं सबसे ज्यादा बारिश है.


हिमाचल को 9711.95 करोड़ रुपए का नुकसान


हिमाचल प्रदेश में इस सीजन में हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई. प्रदेश सरकार को मानसून में आपदा के दौरान 9711.95 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. प्रदेश भर में 169 भूस्खलन और 72 फ्लैश फ्लड की घटना रिकॉर्ड की गई. प्रदेश में 503 लोगों को जान गंवानी पड़ी, जबकि अलग-अलग घटनाओं में 519 लोग घायल भी हुए. प्रदेश में अब भी 39 लोग लापता हैं. मानसून की बारिश की वजह से 2 हजार 941 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए. 12 हजार 302 घरों का आंशिक तौर पर नुकसान हुआ. इसके अलावा 421 दुकानों और 7 हजार 247 पशु घर भी तबाह हो गए.