Himachal Congress Meeting: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए चंद महीने का वक्त रह गया है. कांग्रेस (Congress) ने भी राज्यवार तैयारियां शुरू कर दी हैं. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भले ही सीट सिर्फ चार हों, लेकिन यहां की राजनीति पूरे देश पर असर डालती है. यह असर हाल ही में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद अन्य राज्यों में देखने के लिए भी मिला. दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) की अध्यक्षता में हिमाचल कांग्रेस की अहम बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे. राजीव शुक्ला के एक बार फिर हिमाचल कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद दिल्ली में यह पहली बैठक थी.


बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सुक्खू कैबिनेट के मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव और अन्य पार्टी पदाधिकारी ने हिस्सा लिया. इसके अलावा बैठक में हिमाचल कांग्रेस के पूर्व में रहे अध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया था. बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ. दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं की ओर से हिमाचल प्रदेश की सभी चारों लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा प्रदेश में अग्निवीर, केंद्र से प्रदेश को न मिलने वाली मदद और आपदा में किए गए काम को मुद्दा बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई है. यही नहीं, बैठक में सभी गिले-शिकवे भुलाकर पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव की तरफ केंद्रित करने के लिए भी कहा गया है.



संगठन के सिपाहियों को सरकार में मिले जगह
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह लंबे समय से संगठन के लोगों को सरकार में नियुक्ति देने की मांग कर रही हैं. इसी मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी चर्चा की और वे भी इसका समर्थन करते हुए नजर आए. इसके अलावा हिमाचल कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जनता को जो गारंटी दी थी, उन पर भी काम करने के लिए कहा गया है. हिमाचल सरकार ने अपने आला नेताओं को यह विश्वास दिलाया है कि जो गारंटियां जनता को दी गई हैं, उन पर काम किया जा रहा है. एक-एक कर सभी गारंटियां सरकार पूरी भी करेगी. जानकारी के मुताबिक, बैठक में यह स्पष्ट किया गया है कि पार्टी जिसे निर्देश देगी, उसे ही लोकसभा का चुनाव लड़ना पड़ेगा.


राष्ट्रीय मुद्दों की जगह स्थानीय मुद्दों को तवज्जो
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को उठाया. कांग्रेस प्रदेश के अलग-अलग मुद्दों को चुनाव में जनता के बीच लेकर गई. इसी का फायदा कांग्रेस को चुनाव में मिलता हुआ भी दिखाई दिया. कांग्रेस की रणनीति है कि लोकसभा चुनाव में भी इसी तरह स्थानीय मुद्दों को जनता के बीच ले जाया जाए, ताकि इसका जनता पर ज्यादा प्रभाव दिखे. हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी इस रणनीति में कितना सफल हो सकेगी?


बीजेपी- 03 और कांग्रेस- 01
बता दें कि साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने सभी चारों लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. इसके बाद मंडी से सांसद रहे रामस्वरूप शर्मा की मृत्यु के बाद साल 2021 में उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में मंडी संसदीय क्षेत्र से प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की. फिलहाल हिमाचल प्रदेश की चार सीटों में से तीन बीजेपी और एक कांग्रेस के पास है.


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