Sanjauli College A+ Grade by NAAC: हिमाचल प्रदेश के एकमात्र सेंटर आफ एक्सीलेंस संजौली कॉलेज को NAAC ने ए प्लस ग्रेड दिया. यह पूरे प्रदेश का पहला कॉलेज है, जिसे NAAC ने ए प्लस ग्रेड दिया है. इसके बाद से पूरे प्रदेश में खुशी की लहर है. यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी अपने इस कॉलेज की उपलब्धि के लिए खासे उत्साहित हैं. संजौली कॉलेज से पढ़े पूर्व छात्रों में भी इस बड़ी उपलब्धि को लेकर खुशी है. शनिवार को इस बड़ी उपलब्धि के लिए कॉलेज में जश्न मनाया गया. साथ ही कॉलेज के बच्चों ने भी नाच गाना कर यहां खूब मजे लूटे. इस कार्यक्रम में खास तौर पर शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा को आमंत्रित किया गया था.


कॉलेज के जश्न ने बढ़ाया शहर की राजनीति का पारा


शिमला के संजौली कॉलेज में हुए इस बड़े आयोजन में शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान को आमंत्रित नहीं किया गया. दरअसल, जब ए प्लस ग्रेड हासिल करने के लिए कॉलेज की टीम प्रयासरत थी. तब शिमला के मेयर ने इसे लेकर व्यक्तिगत तौर पर कई प्रयास किए. शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान और उनकी टीम NAAC की टीम के साथ मुलाकात करने पहुंची थी. इसके अलावा संजौली कॉलेज से पड़े अन्य छात्र-छात्राओं ने भी NAAC की टीम की विजिट के दौरान यहां पहुंचकर इस ग्रेड को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई. अब जब NAAC की ओर से ए प्लस ग्रेड दे दिया गया, तो इस कार्यक्रम में मेयर और उनकी टीम को आमंत्रित किया ही नहीं गया. इसके बाद शिमला शहर की राजनीति का सियासी पारा अब चढ़ा हुआ है. 


कॉलेज प्रबंधन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विधायक कुलदीप सिंह राठौर और उपाध्यक्ष सुशांत कपरेट को भी आमंत्रित नहीं किया गया. गौरतलब है कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, विधायक हरीश जनारथा और शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान समेत कई दिग्गज नेता इसी कॉलेज से पढ़े हुए हैं.


मामले में प्रतिक्रिया देने से मेयर का इनकार


शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने इस बारे में कहा कि संजौली कॉलेज को ए प्लस ग्रेड दिलाने में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अहम भूमिका रही. उन्होंने अपनत्व के भाव के साथ कॉलेज के हित के लिए अथक प्रयास किए. हालांकि मेयर को कार्यक्रम में न बुलाए जाने के मामले में उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इनकार किया, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि वह इस कार्यक्रम में उन्हें न बुलाए जाने से नाराज चल रहे हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि कॉलेज के टीचर्स की अंदरूनी राजनीति के चलते शिमला के मेयर को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. शिमला के विधायक हरीश जनारथा और मेयर सुरेंद्र चौहान के बीच चल रहा सियासी शीत युद्ध किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में कॉलेज प्रबंधन का यह फैसला उन पर अब भारी पड़ सकता है. शहर की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकर मानते हैं कि जिन टीचर ने इस राजनीति की शुरुआत की, वे अब खुद ही इस राजनीति का शिकार होते हुए नजर आ सकते हैं. माना जा रहा है कि कॉलेज के इन टीचर्स को अब मनचाही पोस्टिंग हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा.