Know your Army in Shimla: बात चाहे आग उगलते सूरज के नीचे 50 डिग्री तापमान में खड़े रहने की हो या हड्डी गला देने वाली ठंड में, भारतीय सेना के जवान हर परिस्थिति में सीमा को सुरक्षित रखने के लिए अपना जीवन तक कुर्बान कर देते हैं. भारतीय सैनिकों का जीवन परिवार के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए समर्पित होता है. आम जनता भी भारतीय सेना को नजदीक से जानें, इसके लिए 'नो योर आर्मी' कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. यह कार्यक्रम शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान की ओर से आयोजित किया जा रहा है.


हिमाचल की राजधानी शिमला में यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है. जैसा कि कार्यक्रम के नाम से ही स्पष्ट है, इसका कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना को लोग नजदीक से जान सकें. सेना दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ. शिमला में आयोजित सेना मेले के दौरान मद्रास रेजिमेंट की कलारीपयट्टू टीम द्वारा मार्शल आर्ट प्रदर्शन, आर्मी डॉग स्क्वाड शो, गतका टीम और पाइप बैंड का प्रदर्शन किया गया.


राज्यपाल ने सैनिकों के शौर्य को बताया अद्भुत
भारतीय सेना दिवस के पर शिमला के अनाडेल ग्राउंड में "आर्मी मेले" का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने की. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि यह एक महत्त्वपूर्ण अवसर है, जब हम भारतीय सेना के वीर सैनिकों के अदम्य साहस, अटूट प्रतिबद्धता और सर्वोच्च बलिदान को स्मरण करते हैं. यह उन बहादुर सैनिकों को सम्मानित करने का दिन है जो साहस, समर्पण और निस्वार्थ भाव के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं. उन्होंने कहा, "वीर सैनिक राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निरंतर अपने कर्तव्य का निर्वहन सुनिश्चित करते हैं."


'सेना विपरीत परिस्थिति में भी निभाती अपना फर्ज'
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, "वीर सैनिक राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निरंतर अपने कर्तव्य को बखूबी अंजाम देते हैं." उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के सामने अनेक चुनौतियां हैं. वह बाहरी खतरों से राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने से लेकर देश के भीतर आपदा राहत कार्यों के दौरान भी बखूबी अपना फर्ज निभाते हैं. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, "एक नागरिक के रूप में हमारे लिए सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों की सराहना और उनके योगदान के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है. इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों में सेना के प्रति सम्मान बढ़ेगा और युवा पीढ़ी में भारतीय सेना में शामिल होने के लिए और अधिक उत्साह पैदा होगा."


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