Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) के दौरान विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में वोट करने वाले कांग्रेस (Congress) के छह विधायक शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए. इन सभी ने बीजेपी ज्वाइन करने की अलग-अलग वजह बताई है. बागी विधायकों रवि ठाकुर, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंदर कुमार भुट्टों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं और चुने हुए सदस्यों की अवहेलना करती है. वहीं, भुट्टो ने दावा किया कि हिमाचल में जल्द सरकार गिर जाएगी. 


विधायक देवेंदर कुमार भुट्टो ने कहा, ''हमने कांग्रेस छोड़ी है और बीजेपी ज्वाइन की है ताकि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा राज्य विकास करे. हम कोई पद नहीं चाहते, हमने बतौर कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन किया है. कांग्रेस अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं और चुने हुए विधायकों की अवहेलना करती है. हिमाचल प्रदेश में सरकार निश्चित रूप से गिर जाएगी.''






अपने अधिकार का इस्तेमाल कर किया था वोट- चैतन्य शर्मा
एक अन्य विधायक चैतन्य शर्मा ने कहा, ''राज्यसभा चुनाव की जहां तक बात है, संविधान ने जो हमें अधिकार दिया है, हर नागरिक को अपने विवेक पर वोट देने का पात्र बनाया गया है. हमने केवल अपने अधिकार का इस्तेमाल किया. हमने हिमाचल प्रदेश के निवासी को वोट दिया. अगर एक व्यक्ति की सोच और आवाज को दबाया जाता है, और उस व्यक्ति को अलग-थलग किया जाता है, यह न केवल उस व्यक्ति के आत्मसम्मान का नुकसान है बल्कि उन लोगों का भी नुकसान है जो हमें चुनते हैं. हम छह विधायकों ने सोच समझकर यह फैसला किया है.''






इंदर दत्त लखनपाल ने कहा कि कांग्रेस की कार्यशैली पूरी तरह से चरमरा गई है. न तो हाईकमान का कोई प्रभाव है और ना ही पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान बचा है. राज्यसभा के लिए एक ऐसे व्यक्ति को नामित किया गया जो सुप्रीम कोर्ट में हमारे राज्य के अधिकारों के खिलाफ लड़ने के लिए जाने जाते हैं.''


विधायक रवि ठाकुर ने भी अभिषेक मनु सिंघवी को लेकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा, ''हिमाचल प्रदेश का 90 प्रतिशत बजट केंद्र से आता है. इसलिए मैंने अपने क्षेत्र लाहौल-स्पीति को ध्यान में रखते हुए हर्ष महाजन के लिए वोट डाला. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना वजह स्पीकर ने हमें सस्पेंड कर दिया. हमपर दलबदल के आरोप लगाए जबकि हमने ऐसा कुछ नहीं किया था.''


अभिषेक सिंघवी के खिलाफ वोट डालने की बताई वजह
रवि ठाकुर ने आगे  कहा, ''जब हम सुप्रीम कोर्ट में अपने मामले की लड़ाई के लिए दिल्ली आए तो हर्ष महाजन ने हमें वकील उपलब्ध कराया. लेकिन दूसरी तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के खिलाफ केस लड़ा था. वहीं, उन्होंने धार्मिक आस्था के खिलाफ केस लड़ा था, राम मंदिर के खिलाफ  21 वकील लेकर केस लड़ा था. हमने सामूहिक रूप से फैसला किया कि अपने चार साल के कार्यकाल की आहूति देते हुए इस्तीफा देंगे और बीजेपी ज्वाइन करेंगे.''






कांग्रेस के पास नहीं अब बहुमत- जयराम ठाकुर
बीजेपी नेता और हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में अलग तरह की राजनीतिक परिस्थिति पैदा हो गई है. सच्चाई यह है कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है, सबसे बड़ा उदाहरण है कि वह राज्यसभा सीट हार गए हैं. उन्होंने बजट पास करने के लिए बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. बीजेपी के समर्थन में आ रहे विधायकों के परिवार के खिलाफ केस किए गए जो कि गलत है, इसलिए सभी 9 विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन करने का फैसला किया.''


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